वैशाख अमावस्या पर करें इन चीजों का दान

Vaishakh Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या पर दान करें ये चीजें, घर में आएगी सुख और समृद्धि


धार्मिक परंपरा और हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास की अमावस्या एक अत्यंत पुण्यदायी तिथि मानी जाती है। यह दिन विशेष रूप से पितरों की पूजा, दान-पुण्य और साथ ही धार्मिक सेवा जैसे कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है  है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किए गए शुभ कार्यों से न केवल पितृ प्रसन्न होते हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और शांति भी बनी रहती है। 

वैशाख अमावस्या पर अन्न का दान करना है शुभ 

हर धर्म में अन्न का दान करना पवित्र माना जाता है और इसका विशेष महत्व भी होता है। वैशाख मास की अमावस्या के दिन गरीबों या जरूरतमंदों को ताजा पका हुआ सात्विक भोजन कराना, विशेष रूप से फलदायक माना जाता है। इसलिए इस दिन आपको विशेष रूप से विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट भोजन को खिलाना चाहिए, जिसमें मिठाई, फल और जल अवश्य शामिल करें। इससे न केवल आप भूखे और जरूरतमंद लोगों की सेवा करते हैं बल्कि अपने पूर्वजों को भी प्रसन्न करते हैं। 

कपड़े का दान दिलाता है दरिद्रता से मुक्ति 

वैशाख अमावस्या के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को वस्त्र दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। खासकर किसी धोबिन को वस्त्र देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह दान करने से गरीबी, दरिद्रता और दोषों से मुक्ति मिलने में आसानी होती है। साथ ही, ऐसा कहा जाता है कि वस्त्र दान से मनुष्यों को कभी वस्त्रों की कमी नहीं होती है। इसलिए इस दिन नए या साफ-सुथरे वस्त्र ही दान करें ताकि दान का प्रभाव अधिक प्राप्त हो। 

हर मनुष्य, पशु और पक्षी को पिलाएं पानी 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख अमावस्या के दिन जल का दान करना अत्यंत शुभ होता है। इस दिन प्यासे लोगों के लिए पानी की टंकियों का प्रबंध करना बहुत पुण्यदायी होता है। साथ ही पशु-पक्षियों के लिए पानी और दाना रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसका विशेष महत्व है क्योंकि पानी को आप जिसे भी दान देते हैं, उनका भी आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है।

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माता भुवनेश्वरी की पूजा विधि

माता भुवनेश्वरी हिंदू धर्म में पूजी जाने वाली एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें ब्रह्मांड की रानी और सृजन की देवी के रूप में जाना जाता है। उनका नाम "भुवनेश्वरी" दो शब्दों से मिलकर बना है - "भुवन" जिसका अर्थ है ब्रह्मांड और "ईश्वरी" जिसका अर्थ है स्वामिनी।

वृंदावनी वेणू (Vrindavani Venu)

वृंदावनी वेणु कवणाचा माये वाजे ।
वेणुनादें गोवर्धनु गाजे ॥

अरज सुणो बनवारी (Araj Suno Banwari)

अरज सुणो बनवारी सांवरियां म्हारी,
अरज सुणो बनवारी,

हे गजानन पधारो (Hey Gajanan Padharo)

सिद्धिविनायक मंगलमूर्ति,
विघ्नहरण सुखपाल जी,

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