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वैशाख महीने के उपाय

वैशाख महीने के उपाय

Vaishakh Month 2025 Upay: वैशाख महीने में बस कर लें ये खास उपाय, सुख-समृद्धि की होगी प्राप्ति

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वर्ष का दूसरा महीना वैशाख होता है। इस महीने में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख महीने में पूजा करने से सभी कष्टों और दुखों से मुक्ति मिलती है। 

आपको बता दें कि इस वर्ष वैशाख माह की शुरुआत 14 अप्रैल से हो रही है और यह 13 मई को समाप्त होगा। ऐसा माना जाता है कि इस महीने अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो व्यक्ति को सुख-समृद्धि मिल सकती है और वह जल्दी ही धन-धान्य से परिपूर्ण हो सकता है। आइए, इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि वैशाख महीने में कौन से उपाय किए जा सकते हैं!

इन वस्तुओं का करें दान

सनातन धर्म में दान का एक अलग ही और बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। यदि आप अपने पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो वैशाख महीने में अपनी श्रद्धा के अनुसार तिल, सत्तू, आम और कपड़े का दान करें। ऐसा कहा जाता है कि इन वस्तुओं का दान करना शुभ होता है। साथ ही ऐसी मान्यता भी है कि अगर आप वैशाख महीने में तिल, सत्तू, आम और कपड़े का दान करते हैं तो आपके सभी पापों का नाश हो जाता है।

इस पात्र में करें भोजन

वैसे तो आप वैशाख महीने में किसी भी पात्र में भोजन कर सकते हैं कि लेकिन अगर आप चाहते हैं कि इस महीने आपका स्वास्थ्य ठीक रहे तो आपको कांस्य के बर्तन में भोजन करना चाहिए। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि अगर लोग वैशाख महीने में कांस्य के पात्रों में भोजन करते हैं तो उनको किसी प्रकार की बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ता है। 

सोने के लिए इसका करें उपयोग

आमतौर पर लोग सोने के लिए बिस्तर, पलंग, खाट और कई प्रकार के साधनों का उपयोग करते हैं। लेकिन, अगर ज्योतिषी की मानें तो वैशाख महीने में लोगों को सोने के लिए खाट का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि अगर इस महीने सोने के लिए खाट का उपयोग किया जाए तो हमारा स्वास्थ्य सही रहता है और हमें कोई भी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ता है।

इस भगवान का करें रुद्राभिषेक

ज्योतिषी के अनुसार वैशाख महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना भी विधि-विधान से की जाती है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा-अर्चना से हमें मनचाहा फल मिलता है। इसलिए वैशाख वैशाख माह के सोमवार को भगवान शिव का रुद्राभिषेक विधिपूर्वक करें और उन्हें विशेष भोग अर्पित करें। इससे व्यक्ति को धन-धान्य की प्राप्ति होती है और उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
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श्री परशुराम जी की आरती (Shri Parshuram Ji Ki Aarti)

ॐ जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी।
सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी॥

श्री गौमाता जी की आरती (Shri Gaumata Ji Aarti)

ॐ जय गौमाता, मैया जय जय गौमाता,
जो कोई तुमको सेवत, त्रिभुवन सुख पाता।।

भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे (Bhor Bhee Din Chadh Gaya Meri Ambe)

भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ

श्री रविदास चालीसा (Sri Ravidas Chalisa)

बन्दौ वीणा पाणि को , देहु आय मोहिं ज्ञान।
पाय बुद्धि रविदास को , करौं चरित्र बखान।

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