Aaj Ka Panchang: आज 30 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 30 September 2025: आज 30 सितंबर 2025 आश्विन मास का 23वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो कि 06:06 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज मंगलवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा धनु राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज मंगलवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:47 ए एम से 12:35 पी एम तक है। इस दिन राहुकाल 03:09 पी एम से 04:39 पी एम तक रहेगा। आज सरस्वती पूजा का दिन है। इसके अलावा दुर्गा अष्टमी और संधि पूजा भी आज ही है। साथ ही वार के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 30 सितंबर 2025 (Aaj Ka Panchang 30 September 2025)
- तिथि - 06:06 पी एम तक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - मूल (06:17 ए एम तक) पूर्वाषाढा
- दिन/वार - मंगलवार
- योग - शोभन (01:03 ए एम, अक्टूबर 01 तक) अतिगण्ड
- करण - बव (06:06 पी एम तक) बालव (पूर्ण रात्रि तक)
आश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभ - 04:31 पी एम, सितम्बर 29
आश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त - 06:06 पी एम, सितम्बर 30
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा धनु राशि में रहेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:13 ए एम
- सूर्यास्त - 06:08 पी एम
- चन्द्रोदय - 01:42 पी एम
- चन्द्रास्त - 11:52 पी एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 30 सितंबर 2025 (Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 30 September 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:37 ए एम से 05:25 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:47 ए एम से 12:35 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:10 पी एम से 02:58 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 06:08 पी एम से 06:32 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 06:08 पी एम से 07:21 पी एम
- अमृत काल - 02:56 ए एम, अक्टूबर 01 से 04:40 ए एम, अक्टूबर 01
आज का अशुभ मुहूर्त 30 सितंबर 2025 (Aaj ka Ashubh Muhurat 30 September 2025)
- राहु काल - 03:09 पी एम से 04:39 पी एम
- गुलिक काल - 12:11 पी एम से 01:40 पी एम
- यमगंड - 09:12 ए एम से 10:41 ए एम
- गण्ड मूल - 06:13 ए एम से 06:17 ए एम
- आडल योग - 06:13 ए एम से 06:17 ए एम
- वर्ज्य - 04:37 पी एम से 06:20 पी एम
- दिशाशूल - उत्तर, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
30 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (30September 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat)
- मंगलवार का व्रत- आज आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित है।
- सरस्वती पूजा - सरस्वती पूजा का मुख्य दिवस प्रधान पूजा दिवस है, जो चार दिवसीय सरस्वती पूजा का दूसरा दिन होता है। इस दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर विद्या प्राप्ति के लिए देवी सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। इस दिन पुस्तकों को साक्षात् देवी सरस्वती के रूप में स्थापित करके उनका पूजन किया जाता है। मूल नक्षत्र से श्रवण नक्षत्र तक निरंतर पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें पठन, पाठन और लेखन जैसे कार्य वर्जित होते हैं।
- दुर्गाष्टमी - महाष्टमी दुर्गा पूजा का एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे महा दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है। इस दिन दुर्गा पूजा का आरंभ महास्नान और षोडशोपचार पूजा से होता है। महाष्टमी पूजा महासप्तमी पूजा के समान ही होती है, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा केवल महासप्तमी पर ही की जाती है। महाष्टमी के दिन नौ छोटे कलशों में देवी दुर्गा के नौ शक्ति रूपों का आह्वान किया जाता है और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन कुमारी पूजा भी की जाती है, जिसमें अविवाहित कन्याओं को साक्षात देवी दुर्गा का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। यह पूजा दुर्गा पूजा उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और महाष्टमी के दिन को एक दिवसीय कुमारी पूजा के लिए विशेष महत्व दिया जाता है।
- संधि पूजा - नवरात्रि उत्सव के दौरान सन्धि पूजा का विशेष महत्व है, जो अष्टमी तिथि के अंत और नवमी तिथि के आरंभ के समय की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इसी समय देवी चामुंडा ने चण्ड और मुण्ड नामक राक्षसों का वध करने के लिए प्रकट हुई थीं। सन्धि पूजा लगभग 48 मिनट तक चलती है और इसका मुहूर्त दिन में किसी भी समय पड़ सकता है। यह पूजा केवल इसी निर्धारित समय पर सम्पन्न की जाती है और इसका अपना विशेष महत्व है।
- मासिक दुर्गाष्टमी - मासिक दुर्गाष्टमी के दिन दुर्गा माता की पूजा करने से जीवन में शक्ति, साहस और सुरक्षा की प्राप्ति होती है। इस दिन दुर्गा माता को लाल वस्त्र, सिंदूर और लाल फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के उपायों में दुर्गा चालीसा का पाठ करना, दुर्गा मंत्रों का जाप करना और दुर्गा माता की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन विशेष रूप से लाल वस्त्र, नारियल और फल का दान करना लाभदायक होता है।
30 सितंबर 2025 आज के उपाय (30 September 2025 Aaj ke Upay)
- मंगलवार के उपाय - मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल और लाल फूल चढ़ाएं। इसके अलावा, मंगल ग्रह के मंत्र "ॐ अं अंगारकाय नमः" का जाप करने से भी शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। गुड़, तांबे के बर्तन, लाल वस्त्र आदि दान करने और मूंगे की अंगूठी पहनने से भी मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। भोजन में मसूर की दाल शामिल करने से भी लाभ मिलता है। इन उपायों को करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है और शुभ परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
- दुर्गाष्टमी के दिन करें ये उपाय - दुर्गाष्टमी पर माता का ध्यान करने के लिए नवमी या अष्टमी तिथि को घर के मंदिर में गाय के गोबर के उपले पर पान, लौंग, कर्पूर, इलायची और गूगल के साथ कुछ मीठा डालकर धुनी दें। इससे माता आपके हर कष्ट दूर करेंगी। इसके अलावा, दुर्गाष्ठमी के दिन मां भवानी के मंदिर में पान का बीड़ा चढ़ाएं जिसमें कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बूरा और सुमन कतरी के साथ लौंग का जोड़ा हो, लेकिन सुपारी और चूना न हो। इससे माता आपके सभी संकट दूर करेंगी और करियर व कारोबार में आ रही बाधाएं दूर होंगी। रात को चंदन और केसर पाउडर मिलाकर पान के पत्ते पर रखें और दुर्गा माताजी की फोटो के सामने चंडी स्तोत्र का पाठ करें, फिर इस पाउडर का तिलक लगाएं। इससे पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ेगा और लड़ाई-झगड़ा दूर होगा।
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