किसी भी व्यक्ति के लिए नया व्यापार शुरू करना जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। यह एक नई उम्मीद और सपनों की शुरुआत होती है। इसी कारण हर व्यवसायी अपनी दुकान की स्थापना के समय पूजा करता है।
भारत में, नई दुकान या व्यापार शुरू करने से पहले पूजा-पाठ करना एक परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि पूजा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यापार में उन्नति होती है। साथ ही, इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति मिलती है।
इस पूजा का मुख्य उद्देश्य व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर करना, धन-धान्य की प्राप्ति और व्यापार को सफल बनाना होता है। आइए, जानते हैं दुकान की स्थापना पूजा की विधि, महत्व और लाभ।
भारत में अधिकतर लोगों का विश्वास है कि पूजा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यापार में सफलता मिलती है।
1. शुभ मुहूर्त का चयन करें: किसी भी कार्य की सफलता के लिए शुभ मुहूर्त देखना आवश्यक होता है। इसके लिए पंचांग या ज्योतिषी की सलाह लें।
2. पूजा स्थल की सफाई करें: जिस स्थान पर पूजा करनी हो, वहां साफ-सफाई करें और फूलों से सजाएं।
3. देवी-देवताओं की स्थापना करें:
4. पूजा सामग्री अर्पित करें:
5. मंत्रोच्चार करें:
6. आरती करें:
गरुड़ वाहिनी वैष्णवी, त्रिकुटा पर्वत धाम
काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम।
श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥
जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब,
देहु दर्श जगदम्ब अब करहु न मातु विलम्ब ॥
नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब ।
सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥