नाग देवता वासुकी की पूजा किस विधि से करें?

इस विधि से करें नागदेवता वासुकी की पूजा, धन लाभ के साथ दूर होगा कालसर्प दोष 


सनातन धर्म में 33 करोड़ यानी कि 33 प्रकार के देवी-देवता हैं। जिनकी पूजा विभिन्न विधि-विधान के साथ की जाती है। इन्हीं में एक नागराज वासुकी हैं। वासुकी प्रमुख नागदेवता हैं और नागों के राजा शेषनाग के भाई हैं। उन्हें भगवान शिव के गले में धारण किए जाने के कारण भी जाना जाता है। नागराज वासुकी भगवान शिव और भगवान विष्णु के बेहद प्रिय हैं। इसलिए अगर आप दोनों देवता को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो नागदेवता की पूजा करने से लाभ हो सकता है। इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है, तो नागराज की पूजा-अर्चना करने से शुभ परिणाम मिल सकते हैं। साथ ही धन-धान्य में भी वृद्धि हो सकती है। अब ऐसे में अगर आप नाग देवता वासुकी की  पूजा कर रहे हैं, तो किस विधि से करनी चाहिए। पूजा सामग्री क्या है और वासुकी देवता की पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 


नागराज वासुकी की पूजा के लिए सामग्री क्या है ?


नाग देवता की मूर्ति

  • दूध
  • दही
  • घी
  • शहद
  • फल
  • धूप और दीप
  • कपूर
  • अक्षत
  • रोली
  • चंदन
  • गंगाजल
  • नैवेद्य
  • बेलपत्र
  • भांग
  • धतूरा
  • पान का पत्ता
  • सुपारी
  • दीपक
  • कुमकुम


नागराज वासुकी की पूजा किस विधि से करें? 


  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा करने के स्थान को गंगाजल या पवित्र जल से शुद्ध करें।
  • नाग देवता की मूर्ति या चित्र को एक साफ चौकी पर स्थापित करें।
  • एक कलश में जल भरकर उसमें रोली, चंदन, फूल आदि डालकर स्थापित करें।
  • दीपक जलाकर नाग देवता के पास रखें।
  • नाग देवता को फूल, चंदन, रोली, अक्षत आदि अर्पित करें।
  • नाग देवता को दूध, फल, मिठाई आदि का नैवेद्य अर्पित करें।
  • पूजा करने के दौरान नाग देवता के मंत्रों का जाप जरूर करें। 
  • ॐ नमः शिवाय
  • ॐ अनंत वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्। शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥ एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
  • नाग देवता की मूर्ति की तीन बार प्रदक्षिणा लगाएं।
  • पूजा करने के बाद नाग देवता की आरती उतारें।


नागराज वासुकी की पूजा करने के लाभ 


नागराज वासुकी हिंदू धर्म में सर्प देवताओं में से एक हैं और भगवान शिव के परम भक्त माने जाते हैं। समुद्र मंथन के समय उन्होंने मंदराचल पर्वत को लपेटकर देवताओं और दानवों की सहायता की थी। उनकी पूजा करने से  कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो सकता है। वासुकी की पूजा करने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। नाग देवता रोगों से रक्षा करते हैं। इसलिए नाग देवता की पूजा विधिवत रूप से करें। वासुकी की पूजा से दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्राप्त होता है। नाग देवता शत्रुओं का नाश करते हैं। नाग देवता की पूजा करने के लिए आप किसी मंदिर में जा सकते हैं या घर पर भी पूजा कर सकते हैं। 


किस दिन करनी चाहिए वासुकी देवता की पूजा ? 


नाग देवता की पूजा श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन की जाती है, लेकिन किसी भी माह में सोमवार के दिन नाग देवता की पूजा करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। 


........................................................................................................
भैरव बाबा की पूजा कैसे करें?

भैरव बाबा हिंदू धर्म में भगवान शिव का एक उग्र रूप हैं। उन्हें तांत्रिक शक्ति और रक्षा का प्रतीक माना जाता है। साथ ही वे भक्तों के रक्षक और दुःख हरने वाले भी हैं। काल भैरव को समय और मृत्यु का देवता माना जाता है।

तुम जो कृपा करो तो, मिट जाये विपदा सारी(Tum Jo Kripa Karo To Mit Jaye Vipda Sari)

तुम जो कृपा करो तो,
मिट जाये विपदा सारी,

माँ गौरी के लाल गजानन(Maa Gauri Ke Lal Gajanan)

माँ गौरी के लाल गजानन,
आज आओ पधारो मेरे आँगन,

ये सारे खेल तुम्हारे है जग कहता खेल नसीबों का: भजन (Ye Sare Khel Tumhare Hain Jag Kahta Khel Naseebo Ka)

ये सारे खेल तुम्हारे है,
जग कहता खेल नसीबों का,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।