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नई पुस्तक का विमोचन किसी लेखक के लिए एक बेहद खास अवसर होता है। यह न केवल उसकी विद्या और ज्ञान का प्रतीक होता है, बल्कि उसकी मेहनत और समर्पण की भी पहचान होती है।
भारतीय परंपरा में किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले पूजा-पाठ और देवी-देवताओं का आशीर्वाद लेना आवश्यक माना जाता है। इसी प्रकार, किसी पुस्तक का विमोचन केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह एक आध्यात्मिक प्रक्रिया भी होती है।
इस पूजा में ज्ञान के देवता भगवान सरस्वती और प्रथम पूज्य गणपति का आह्वान किया जाता है। इससे लेखक और प्रकाशक को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है, जो उन्हें पुस्तक के प्रचार और प्रसार में सहायता करती है। चलिए, आपको नई पुस्तक के शुभारंभ के समय होने वाली पूजा विधि और इसके लाभों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
1.शुद्धिकरण एवं स्थापना:
2.गणपति एवं सरस्वती पूजन:
3.दीप-धूप एवं मंत्रोच्चार:
4.तिलक एवं अक्षत अर्पण:
5.आरती करें:
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