ग्रेटर नोएडा के इस अति प्राचीन मंदिर में विराजमान हैं 56 फीट ऊंचे हनुमान, पूरी करते हैं मनोकामनाएं
ग्रेटर नोएडा स्थित हनुमंत धाम प्राचीन मंदिर सालों से लोगों की श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। कहते हैं यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं। तो आइए जानते है ग्रेटर नोएडा स्थित हनुमंत धाम प्राचीन मंदिर के बारे में।
ग्रेटर नोएडा स्थित हनुमंत धाम प्राचीन मंदिर नोएडा के सेक्टर 49 में स्थित बरौला गांव में मौजूद है एक सिद्ध पीठ है। जहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी के परम भक्त हनुमान जी की 56 फीट ऊंची विशालकाय और विराट मूर्ति स्थापित है। इस भव्य और दिव्य प्रतिमा के दर्शन के लिए सिर्फ नोएडा ही नहीं बल्कि आस-पास के कई इलाकों से लोग यहां आते है।
मान्यता है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं हनुमान जी अवश्य पूरी करते हैं। वैसे तो पहले यह यह मंदिर अपने श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे खुला रहता पर कोरोना काल के बाद यहां समय को लेकर कुछ नियम कायदे बनाएं गए हैं।
मंदिर का इतिहास
मंदिर के बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 में स्वामी अनंतानाथ महाराज के सानिध्य में इस मंदिर का निर्माण अतीक सिंह चौहान द्वारा करवाया गया है। यहां पर मंदिर में हनुमान जी की 56 फीट की मूर्ति स्थापित की गई थी। जों यहां की सबसे बड़ी विशेषता और आकर्षण का केंद्र भी है।
विदेश से भी आती है भक्तों की भीड़
इस हनुमान मंदिर की ख्याति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां देश ही नहीं विदेश से भी हनुमान भक्त बाबा के दर्शन को हर साल बड़ी संख्या में आते हैं। इनमें जापान, इटली और ब्रिटेन जैसे देशों से आने वाले लोग शामिल हैं जो यहां आकर हनुमान जी की पूजा अर्चना करते हैं। हर साल हनुमान जयंती, अक्षय तृतीया, विजयादशमी, वसंत पंचमी, सीता नवमी, राम नवमी और एकादशी पर यहां भक्तों के द्वारा विशेष आयोजन किए जाते हैं।
कैसे पहुंचें और किस समय होंगे दर्शन?
लोकल भाषा में श्री हनुमंत लाल की सबसे ऊंची मूर्ति के लिए प्रसिद्ध यह मंदिर नोएडा सेक्टर 101 में स्थित है। इसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है, लेकिन इसका सही नाम हनुमंत बालाजी धाम या हनुमान धाम है और यह इसी नाम से विख्यात है। यह मंदिर नोएडा मेट्रो रेलवे नेटवर्क के एक्वा लाइन द्वारा जुड़ा हुआ है जो मंदिर तक पहुंचने का सबसे सुगम मार्ग है। इस मंदिर में दर्शन का समय सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे और शाम 4:00 बजे से रात-9:00 बजे तक है।
चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 30 मार्च से होगा और 7 अप्रैल को इसका समापन होगा। यह नौ दिनों का पर्व न केवल भक्ति और साधना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि धन-लाभ और आर्थिक वृद्धि के लिए भी बेहद प्रभावी माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का विशेष महत्व होता है। भक्त पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और देवी मां को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय अपनाते हैं।
सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से 6 अप्रैल 2025 तक मनाई जाएगी।
चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस पर्व में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है और भक्त पूरे विधि-विधान से व्रत रखते हैं। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से प्रारंभ होकर 6 अप्रैल 2025 को समाप्त होगी।