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छोटी सी कुटिया है मेरी, बालाजी तुम आ जाना (Choti Si Kutiya Hai Meri Balaji Tum Aa Jana)

छोटी सी कुटिया है मेरी, बालाजी तुम आ जाना (Choti Si Kutiya Hai Meri Balaji Tum Aa Jana)

छोटी सी कुटिया है मेरी,

बालाजी तुम आ जाना,

रुखा सूखा दिया है मुझको,

उसका भोग लगा जाना,

उसका भोग लगा जाना ॥


सौंप दिया है जीवन का अब,

भार तुम्हारे हाथों में,

जीत तुम्हारे हाथों में,

हार तुम्हारे हाथों में,

तुम हो स्वामी मैं हूँ सेवक,

रुखा सूखा दिया है मुझको,

उसका भोग लगा जाना,

उसका भोग लगा जाना ॥


निर्धन हूँ मैं निर्बल हूँ मैं,

कैसे तुम्हे मनाऊं मैं,

मन मंदिर में तुम्हे बिठाकर,

भाव के भोग लगाऊं मैं,

मेरी श्रद्धा को स्वीकारो,

रुखा सूखा दिया है मुझको,

उसका भोग लगा जाना,

उसका भोग लगा जाना ॥


तुमको अर्पण सारा जीवन,

तुमको ही बलिहार है,

तेरे सहारे तेरे भरोसे,

मेरा ये परिवार है,

हाथ जोड़कर कहता ‘बंसल’,

विनती को ना ठुकराना,

रुखा सूखा दिया है मुझको,

उसका भोग लगा जाना,

उसका भोग लगा जाना ॥


छोटी सी कुटिया है मेरी,

बालाजी तुम आ जाना,

रुखा सूखा दिया है मुझको,

उसका भोग लगा जाना,

उसका भोग लगा जाना ॥

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