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गोविंदा आने वाला है (Govinda Aane Wala Hai)

गोविंदा आने वाला है (Govinda Aane Wala Hai)

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला है,

गोविंदा आने वाला हैं,

गोपाला आने वाला है,

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला हैं ॥


फूलों से गलियां सजवाओ,

मटके में माखन भरवाओ,

ग्वालो बालों को संग लाकर,

वो रास रचाने वाला है,

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला हैं ॥


छलिया ऐसा चितचोर कहाँ,

इसके जैसा कोई और कहाँ,

अधरों पर रखकर मुरली की,

कोई तान सुनाने वाला है,

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला हैं ॥


वो नटवर नागर गिरधारी,

सूरत पे जाऊं बलिहारी,

‘वैभव’ बेरंगी दुनिया में,

वो रंग जमाने वाला है,

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला हैं ॥


करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला है,

गोविंदा आने वाला हैं,

गोपाला आने वाला है,

करलो तैयारी स्वागत की,

गोविंदा आने वाला हैं ॥


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यज्ञ में स्वाहा क्यों बोला जाता है ?

नया घर, दुकान, बिजनेस या फिर शादी-ब्याह जैसे तमाम मौकों पर हवन और यज्ञ जरूर किया जाता है। हमारे देश में हवन की परंपरा बहुत पुरानी है। हवन के दौरान अगर आपने कभी ध्यान दिया हो तो देखा होगा कि मंत्र के बाद स्वाहा शब्द जरूर बोला जाता है।

गोमूत्र पवित्र क्यों माना जाता है?

गोमूत्र को ना केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभकारी माना गया है। गोमूत्र में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो मानव शरीर और पर्यावरण दोनों के लिए उपयोगी होते हैं। हालांकि, सभी गायों का गोमूत्र पवित्र नहीं माना गया है केवल कामधेनु गाय का गोमूत्र ही पवित्र माना जाता है।

गणेश जी की पूजा सबसे पहले क्यों की जाती है?

जब भी शुभ कार्य किया जाता है तो सबसे पहले भगवान गणेश जी का ही पूजन होता है। गणेश जी से भक्त सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं। इसके अलावा किसी भी पूजा या अनुष्ठान में भी सबसे पहले गणपति को ही याद किया जाता है। कहते हैं कि यदि शुभ कार्य से पहले गणेश जी का आशीर्वाद लिया जाए तो कार्य में कोई बाधा नहीं आती।

हनुमान जी को सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है?

भगवान हनुमान की पूजा में सिंदूर चढ़ाने का विशेष महत्व है। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की आराधना में सिंदूर का प्रयोग अनिवार्य माना गया है। हनुमान जी की अधिकांश प्रतिमाओं में उन्हें केसरिया रंग के सिंदूर लगाया हुआ देखा जाता है।

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