मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके,
बनके तेरे चरणों का सेवक,
मुँह माँगा वर पाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
माँ अम्बे रानिये,
कितना प्यारा तेरा धाम है,
हर दुःख से दूर है वो,
जिसकी जुबां पे तेरा नाम है,
मोह माया को,
मोह माया को मन से भगा के,
तेरा ध्यान लगाऊं,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।
मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
तुम हो वरदानी मैया,
वर दे दे करदे पूरी आस तू,
मन का अँधेरा हर ले,
ज्योति का करदे माँ प्रकाश तू,
चरणों में तेरे उम्र गुजारूं,
रंग में तेरे रंग जाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
तेरे ही दर पे मिलती,
हर दुखियारे को माँ ओट है,
क्यों है ठुकराया मुझको,
कैसी ‘सरल’ में बोलो खोट है,
इस ‘लख्खा’ की,
इस ‘लख्खा’ की सुने ना कोई,
तुझको आन सुनाऊं,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।
मात जवाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
मात जवाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके,
बनके तेरे चरणों का सेवक,
मुँह माँगा वर पाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
धनतेरस पर खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि इस दिन कुछ विशेष चीजें को खरीदने से परहेज रखना चाहिए। सनातन धर्म में हर एक चीज का अपना महत्व है।
पांच दिवसीय दीपावली त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस मौके पर खरीदारी का सबसे अधिक महत्व है। इस दिन लोग मान्यता के अनुसार वस्तुओं की खरीदारी करते हैं जिन्हें शुभ माना गया है।
दिवाली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। इसे भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा, पारंपरिक उपहार, रोशनी, सजावट, दीये, मिठाई आदि के लिए जाना जाता है।
नरक चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है।