मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके,
बनके तेरे चरणों का सेवक,
मुँह माँगा वर पाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
माँ अम्बे रानिये,
कितना प्यारा तेरा धाम है,
हर दुःख से दूर है वो,
जिसकी जुबां पे तेरा नाम है,
मोह माया को,
मोह माया को मन से भगा के,
तेरा ध्यान लगाऊं,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।
मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
तुम हो वरदानी मैया,
वर दे दे करदे पूरी आस तू,
मन का अँधेरा हर ले,
ज्योति का करदे माँ प्रकाश तू,
चरणों में तेरे उम्र गुजारूं,
रंग में तेरे रंग जाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
तेरे ही दर पे मिलती,
हर दुखियारे को माँ ओट है,
क्यों है ठुकराया मुझको,
कैसी ‘सरल’ में बोलो खोट है,
इस ‘लख्खा’ की,
इस ‘लख्खा’ की सुने ना कोई,
तुझको आन सुनाऊं,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।
मात जवाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
मात जवाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके,
बनके तेरे चरणों का सेवक,
मुँह माँगा वर पाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके ॥
छोटी होली को फागुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, इस साल ये दिन गुरुवार 13 मार्च को है। मान्यतों के अनुसार ये दिन बहुत खास होता है, इस दिन आप जो कुछ भी करते हैं उसका फल आपको पूरे वर्ष तक मिलता है।
साल 2025 में छोटी होली 13 मार्च गुरूवार को है। ये दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और उनके परम भक्त प्रहलाद की पूजा के लिए समर्पित होता है।
होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर किया जाता है, इसे छोटी होली भी कहते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत और सच्ची भक्ति का प्रतीक है।
होलिका दहन हर साल होली के एक दिन पहले किया जाता है। ये दिन असत्य पर सत्य और भक्ति की जीत का प्रतीक है और इस दिन भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को याद किया जाता है।