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गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता (Gunwan Mere Ganpati Buddhi Ke Hain Data)

गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता (Gunwan Mere Ganpati Buddhi Ke Hain Data)

गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ।

मेरे दाता,मेरे दाता, मेरे दाता, मेरे दाता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ॥


बैठे है ऊँचे आसन डाले तन दुशाला है

वो ही सुनने वाला है वो ही सूंड वाला है ।

गजमुखधर विशाला है गजवदन निराला है

तीनो लोक में देखो जपते जिनकी माला है ।

माता है सती पार्वती पिता भोलाभाला है

वो ही सुनने वाला है पुत्र सूंड वाला है ॥

बिगड़ी बनाने वाला बिगड़ी को बनाता,

आई हर मुसीबत को पल में मिटाता,

है मेरे दाता सबके दाता भाग्य विधाता ॥


करले भक्ति तू मनवा काम तेरे आएगी

फूटी हुई किस्मत भी तेरी बदल जाएगी ।

हर कारज में आते है पहले मेरे गणराजा

देवो के देव महादेवा मेरे गणराजा ।

आवाज में है गणराजा साज में गणराजा

राज में है गणराजा ताज में है गणराजा ॥

लाज में है गणराजा लाज बचाता

भक्तो को थाम लेता दुष्टो को गिराता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्य विधाता ॥


मेरे दाता,मेरे दाता, मेरे दाता, मेरे दाता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता

गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ।

मेरे दाता,मेरे दाता, मेरे दाता, मेरे दाता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ॥

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उत्पन्ना एकादशी के नियम

उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। उत्पन्ना एकादशी की उत्पत्ति का उल्लेख प्राचीन भविष्योत्तर पुराण में मिलता है, जहां भगवान विष्णु और युधिष्ठिर के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद में इसका वर्णन किया गया है।

हरी हरी भांग का मजा लीजिये(Hari Hari Bhang Ka Maja Lijiye)

हरी हरी भांग का मजा लीजिये,
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हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो,
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हरि जी! मेरी लागी लगन मत तोडना (Hari Ji Meri Lagi Lagan Mat Todna)

हरि जी! मेरी लागी लगन मत तोडना,
लाला* जी! मेरी लागी लगन मत तोडना,

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