हर कदम पे तुम्हे होगा,
आभास सांवरे का,
चाहे कुछ भी हो ना डगमग हो,
विश्वास सांवरे का,
हर कदम पे तुम्हें होगा,
आभास सांवरे का ॥
दुनिया से आँखें बंद करके,
मन की आँखों को खोल ज़रा,
बेमतलब की बातें छोड़ो,
जय बाबा की तू बोल ज़रा,
दिल के अंदर तुम्हे होगा,
एहसास सांवरे का,
हर कदम पे तुम्हें होगा,
आभास सांवरे का ॥
चलकर के देखो तुम एक बार,
मेरे साँवलिये की राहों में,
गिरने के पहले थामेगा,
ये आकर अपनी बाँहों में,
तेरे मन में ही मिलेगा,
तुम्हे वास सांवरे का,
हर कदम पे तुम्हें होगा,
आभास सांवरे का ॥
‘सूरज’ कुछ ऐसा काम करो,
सांवरिया हो तुमसे राजी,
हारे को जो अपनाओगे,
जीतोगे फिर तुम हर बाजी,
बन जायेगा फिर तू,
बड़ा ख़ास सांवरे का,
हर कदम पे तुम्हें होगा,
आभास सांवरे का ॥
हर कदम पे तुम्हे होगा,
आभास सांवरे का,
चाहे कुछ भी हो ना डगमग हो,
विश्वास सांवरे का,
हर कदम पे तुम्हें होगा,
आभास सांवरे का ॥
लक्ष्मी जयंती को मां लक्ष्मी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस तिथि पर मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था।
मान्यता के अनुसार मीन संक्रांति तब मनाई जाती है जब भगवान सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं, और यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होता है।
मान्यताओं के अनुसार जब भगवान सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो मीन संक्रांति मनाई जाती है। यह तिथि फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होती है।
होली के ठीक बाद आने वाला भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सफलता की मनोकामना करती हैं।