हे गणनायक सब सुखदायक,
करो विघ्न सब दूर,
शरण तेरी आए है ॥
रणत भवर गढ़ वास करो,
रिद्धि सिद्धि भंडार भरो,
प्रथम निमंत्रण स्वीकारो,
अटके कारज सिद्ध करो,
शिव गिरजा के कुंवर लाड़ला,
शिव गिरजा के कुंवर लाड़ला,
आस हमारी पुर,
शरण तेरी आए है,
हे गण नायक सब सुख दायक,
करो विघ्न सब दूर,
शरण तेरी आए है ॥
स्वर्ण छत्र सिर पर धारी,
शोभित मुकुट छटा न्यारी,
चमक रह्या कुण्डल भारी,
मणि माला लागे प्यारी,
रत्न जड़ित पहने पैंजनिया,
रत्न जड़ित पहने पैंजनिया,
नैनन बरसे नूर,
शरण तेरी आए है,
हे गण नायक सब सुख दायक,
करो विघ्न सब दूर,
शरण तेरी आए है ॥
मखमल वस्त्र बदन सोहे,
कुमकुम तिलक नयन मोहे,
माँ जगदम्बा लाड़ करे,
ठुमक ठुमक कर नृत्य करे,
सुर किन्नर यश गान सुनावे,
सुर किन्नर यश गान सुनावे,
दर्शन दो भरपूर,
शरण तेरी आए है,
हे गण नायक सब सुख दायक,
करो विघ्न सब दूर,
शरण तेरी आए है ॥
मूषक वाहन है तेरा,
सूंड निराली सोहे है,
ऐसा अनुपम रूप तेरा,
देखत ही मन मोहे है,
बुद्धि बल से सब देवन का,
बुद्धि बल से सब देवन का,
किया मान मद चूर,
शरण तेरी आए है,
हे गण नायक सब सुख दायक,
करो विघ्न सब दूर,
शरण तेरी आए है ॥
हे गणनायक सब सुखदायक,
करो विघ्न सब दूर,
शरण तेरी आए है ॥
शनि जयंती, भगवान शनि के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है, जो ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को आती है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस साल शनि जयंती 27 मई, मंगलवार को मनाई जाएगी।
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। यह दिन पितरों की पूजा, तर्पण और शांति के उपायों के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। यूं तो साल में आने वाली सभी अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता हैI
हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह की अमावस्या का विशेष महत्व है और जब यह तिथि सोमवार को आती है, तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन पितरों को स्मरण करने और उन्हें तर्पण देने का सबसे श्रेष्ठ अवसर होता है।
हिंदू पंचांग में हर अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। यह दिन पितृों की शांति के लिए, आत्मिक शुद्धि के लिए और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत उत्तम माना गया है।