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दुख हर्ता बनके, सुखकर्ता बनके, चले आना(Dukhharta Banke Sukhkarta Banke Chale Aana)

दुख हर्ता बनके, सुखकर्ता बनके, चले आना(Dukhharta Banke Sukhkarta Banke Chale Aana)

दुखहर्ता बनके,

सुखकर्ता बनके,

चले आना,

गणपति चले आना ॥


तुम विघ्न विनाशक आना,

तुम विघ्न विनाशक आना,

इक्छा पूरी करो,

हाथ सर पे धरो,

चले आना,

गणपति चले आना,

दुख हर्ता बनके,

सुखकर्ता बनके,

चले आना,

गणपति चले आना ॥


तुम अष्टविनायक आना,

तुम अष्टविनायक आना,

मोदक हाथ लेके,

खुशियां साथ लेके,

चले आना,

गणपति चले आना,

दुख हर्ता बनके,

सुखकर्ता बनके,

चले आना,

गणपति चले आना ॥


तुम भाग्य विधाता आना,

तुम भाग्य विधाता आना,

रिद्धि साथ लेके,

सिद्धि साथ लेके,

चले आना,

गणपति चले आना,

दुख हर्ता बनके,

सुखकर्ता बनके,

चले आना,

गणपति चले आना ॥


तुम गौरी नन्दन आना,

तुम गौरी नन्दन आना,

वर्षा दया की करो,

दुःख सबके हरो,

चले आना,

गणपति चले आना,

दुखहर्ता बनके,

सुखकर्ता बनके,

चले आना,

गणपति चले आना ॥


तुम मंगल मूरत आना,

तुम मंगल मूरत आना,

आस तोड़े नहीं,

साथ छोड़ो नहीं,

चले आना,

गणपति चले आना,

दुखहर्ता बनके,

सुखकर्ता बनके,

चले आना,

गणपति चले आना ॥

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सूर्यग्रहण में सूतक क्या होता है

हर ग्रहण के दौरान एक सूतक काल होता है। जिसमें कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूतक काल का खास महत्व होता है। यह धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।

क्या सूर्यग्रहण का भारत में दिखेगा असर

साल 2025 में चंद्र ग्रहण के बाद अब लोगों की निगाहें सूर्यग्रहण पर टिक गई हैं। यह साल का पहला सूर्यग्रहण होगा। इसे लेकर धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए।

समुद्र मंथन से जुड़ा है सूर्यग्रहण का रहस्य

सूर्यग्रहण.... एक सुंदर और अद्भुत खगोलीय घटना है, जब ब्रह्मांड एक अनोखा दृश्य प्रस्तुत करता है।

ज्वारे और अखंड ज्योत की परंपरा

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