हे गणपति गजानन,
मेरे द्वार तुम पधारो,
बिगड़ी मेरी बना के,
मेरा भाग्य तुम सवारों,
हे गणपति गजानंद,
मेरे द्वार तुम पधारो ॥
शुभ लाभ के हो दाता,
तुम भाग्य के विधाता,
मर्जी बिना तुम्हारे,
धन धान्य कुछ ना आता,
नैया फसी भवर में,
इसे पार तुम उतारो,
बिगड़ी मेरी बना के,
मेरा भाग्य तुम सवारों,
हे गणपति गजानंद,
मेरे द्वार तुम पधारो ॥
निर्बल को देते काया,
निर्धन पे करते छाया,
देवों में अग्रणी तुम,
जग तुझमे ही समाया,
दे ज्ञान का तू दर्पण,
मुझको भी तो उबारो,
बिगड़ी मेरी बना के,
मेरा भाग्य तुम सवारों,
हे गणपति गजानंद,
मेरे द्वार तुम पधारो ॥
जानू ना पाठ जप तप,
कैसे तुझे मनाऊं,
तेरी महिमा गा के भगवन,
तुझको तो मैं रिझाऊं,
रिद्धि सिद्धि संग विनायक,
मेरी प्रार्थना स्वीकारो,
बिगड़ी मेरी बना के,
मेरा भाग्य तुम सवारों,
हे गणपति गजानंद,
मेरे द्वार तुम पधारो ॥
हे गणपति गजानन,
मेरे द्वार तुम पधारो,
बिगड़ी मेरी बना के,
मेरा भाग्य तुम सवारों,
हे गणपति गजानंद,
मेरे द्वार तुम पधारो ॥
शनि जयंती, भगवान शनि देव के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जो जीवन में शनि दोष या साढ़े साती जैसी स्थितियों से मुक्ति कामना करते हैं।
शनि जयंती, भगवान शनि के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है, जो ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
शनि जयंती भगवान शनि के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, इस साल यह पर्व 27 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा, जिस दिन सुकर्मा योग बन रहा है, जो इसे और भी विशेष बनाता है।
शनि जयंती, भगवान शनि के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है, जो ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को आती है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस साल शनि जयंती 27 मई, मंगलवार को मनाई जाएगी।