हे संकट मोचन करते है वंदन(Hey Sankat Mochan Karte Hai Vandan)

हे संकट मोचन करते है वंदन,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे,

सालासर वाले तुम हो रखवाले,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ॥


सिवा तेरे ना दूजा हमारा,

तू ही आकर के देता सहारा,

जो भी विपदा आए,

पल में मिट जाए,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ॥


तूने रघुवर के दुखड़ो को टाला,

हर मुसीबत से उनको निकाला,

रघुवर के प्यारे,

आँखों के तारे,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ॥


अपने भगतो के दुखड़े मिटाते,

‘हर्ष’ आफत से हमको बचाते,

किरपा यूँ रखना,

थामे तू रखना,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ॥


हे संकट मोचन करते है वंदन,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे,

सालासर वाले तुम हो रखवाले,

तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ॥

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चल काँवरिया, चल काँवरिया (Chal Kawariya, Chal Kawariya)

जय हो बैजनाथ
जय हो भोले भंडारी

श्री रामदेव चालीसा (Shri Ramdev Chalisa)

जय जय जय प्रभु रामदे, नमो नमो हरबार।
लाज रखो तुम नन्द की, हरो पाप का भार।

नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो (Nagri Ho Ayodhya Si, Raghukul Sa Gharana Ho)

नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।

जय जय गौरी ललन (Jai Jai Gouri Lalan )

जय जय गौरी ललन,
जय जय हो गजवदन,

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