जयपुर की चुनरिया मैं लाई शेरावालिये (Jaipur Ki Chunariya Me Layi Sherawaliye)

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


आगरा से लहंगा,

जयपुर से चुनरिया,

दिल्ली के दरीबे से लाई,

सितारे शेरावालिये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


कलकत्ते से नथली लाइ,

झुमका लाई बरेली से,

और फिरोजाबाद से चूड़ी लाइ,

पहनो शेरावालीये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


कांगड़े से सिंदूर लाई,

कजरा लाई मेरठ का,

मालवा से मेंहदी लाई,

लगाओ शेरावालीये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


गुजराती करधन ले आई,

बिछिया बीकानेर से,

और पंजाबी पाजेब ले आई,

पहनो शेरावालिए,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


इलाहाबाद से अमरूद लाई,

पेड़े लाई मथुरा से,

और कंदारी अनार ले आई,

भोग लगाओ शेरावालिए,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।

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राम का हर पल ध्यान लगाए, राम नाम मतवाला (Ram Ka Har Pal Dhyan Lagaye Ram Naam Matwala)

राम का हर पल ध्यान लगाए,
राम नाम मतवाला,

श्री भैरव चालीसा (Shri Bhairav ​​Chalisa)

श्री गणपति गुरु गौरी पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वंदन करो, श्री शिव भैरवनाथ ॥

पापमोचनी एकादशी व्रत के नियम

पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है, और मोक्ष की प्राप्ति करता है।

मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती(Man Tera Mandir Ankhen Diya Bati)

मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती,
होंठो की हैं थालियां बोल फूल पाती,

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