जिस घर में मैया का,
सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता,
माँ का पावन नाम बड़ा,
मन भावन होता,
जिस घर में मईया का,
सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता ॥
जिसको माँ की दया मिले,
उसकी तो चांदी चांदी है,
अपने भक्त के घर में माँ ने,
सुख की झड़ी लगा दी है,
ख़ुशियों से भर पूर आंगन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता ॥
जोत नूरानी मैय्या की,
सारे ही कष्ट मिटाती है,
ममता की शीतल छैया में,
मन बगिया खिल जाती है,
मोर बनके नाच रहा तन मन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता ॥
सारे जग को पालती ये,
अम्बे मात भवानी है,
आठों पहर चरण सेवा में,
रहता ये ‘चोखानी’ है,
बड़ भागी वो जिसे दर्शन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता ॥
जिस घर में मैया का,
सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता,
माँ का पावन नाम बड़ा,
मन भावन होता,
जिस घर में मईया का,
सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता ॥
मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसे हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां दुर्गा की आराधना और व्रत के लिए शुभ माना जाता है।
जिसने राग-द्वेष कामादिक,
जीते सब जग जान लिया
मार्गशीर्ष माह की दुर्गाष्टमी का दिन मां दुर्गा की आराधना और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस साल मार्गशीर्ष दुर्गाष्टमी 8 दिसंबर 2024, रविवार को पड़ रही है।
हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत अत्यंत शुभ माना गया है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत के साथ उन्हें विशेष भोग अर्पित करने का विधान है।