कबहुँ ना छूटी छठि मइया (Kabahun Na Chhooti Chhath)

कबहुँ ना छूटी छठि मइया,

हमनी से बरत तोहार

हमनी से बरत तोहार


तहरे भरोसा हमनी के,

छूटी नाही छठ के त्योहार

छूटी नाही छठ के त्योहार


अपने सरन में ही रखिह,

दिह आसिस हज़ार

दिह आसिस हज़ार


गोदिया भराईल छठी मइय्या,

बाटे राऊर किरपा अपार

बाटे राऊर किरपा अपार


चाहें रहब देसवा बिदेसवा,

छठ करब हम हर बार

छठ करब हम हर बार


डूबतो सुरुज के जे पूजे,

इहे बाटे हमर बिहार

इहे बाटे हमर बिहार


फलवा दउरवा सजाके,

अईनी हम घाट पे तोहार

अईनी हम घाट पे तोहार


दिहनी अरघ छठी मईया,

करीं हमर आरती स्वीकार

करीं हमर आरती स्वीकार


कबहुँ ना छूटी छठि मइया,

हमनी से बरत तोहार

हमनी से बरत तोहार


तहरे भरोसा हमनी के,

छूटी नाही छठ के त्योहार

छूटी नाही छठ के त्योहार

छूटी नाही छठ के त्योहार

छूटी नाही छठ के त्योहार

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मेरे भोले की सवारी आज आयी (Mere Bhole Ki Sawari Aaj ayi)

मेरे भोले की सवारी आज आयी,
मेरे शंकर की सवारी आज आयी,

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ (Main To Shiv Hi Shiv Ko Dhyau)

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ,
जल से स्नान कराऊँ,

जिसकी लागी रे लगन भगवान में (Jiski Lagi Re Lagan Bhagwan Mein)

जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।

हर बात को भूलो मगर.. (Har Baat Ko Tum Bhulo Bhale Maa Bap Ko Mat Bhulna)

हर बात को भूलो मगर,
माँ बाप मत भूलना,

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