किया तप इस कदर हुआ शिव पे असर (Kiya Tap Is kadar Hua Shiv Pe Asar)

किया तप इस कदर हुआ शिव पे असर,

तेरा भोले से गोरा विवाह हो गया,

शुभ घड़ी आ गई फिर ख़ुशी छा गई,

रूप शिव जी का तेरे तो मन भा गया,

किया तप इंस कदर हुआ शिव पे असर,

तेरा भोले से गोरा विवाह हो गया ॥


क्या वो बारात थी नाथो के नाथ की,

शिव से मिलने को गोरा भी बेताब थी,

आरती के दिए फूल माला लिए,

शिव के स्वागत में सारा नगर आ गया,

शिव के स्वागत में सारा नगर आ गया,

किया तप इंस कदर हुआ शिव पे असर,

तेरा भोले से गोरा विवाह हो गया ॥


देव गण झूमते भूत भी नाचते,

इनकी हुंकार सुनके सभी कांपते,

भोले लीला करे सखियाँ सारी डरे,

देखा गोरा ने मन उनका चकरा गया,

देखा गोरा ने मन उनका चकरा गया,

किया तप इंस कदर हुआ शिव पे असर,

तेरा भोले से गोरा विवाह हो गया ॥


गोरा सोचे मेरा तो ये शंकर नहीं,

आँखे खोली तो शिव जैसा सुन्दर नहीं,

देखि सुन्दर छवि करते अचरज सभी,

ये चमत्कार कैसा गजब ढा गया,

ये चमत्कार कैसा गजब ढा गया,

किया तप इंस कदर हुआ शिव पे असर,

तेरा भोले से गोरा विवाह हो गया ॥


खुश हिमाचल हुए माँ ने तोहफे दिए,

गोरा तैयार थी अब विदा के लिए,

छूटा बाबुल का घर चली शिव के नगर,

शिव की लीला सुनी तो मगन हो गया,

शिव की लीला सुनी तो मगन हो गया,

किया तप इंस कदर हुआ शिव पे असर,

तेरा भोले से गोरा विवाह हो गया ॥


किया तप इस कदर हुआ शिव पे असर,

तेरा भोले से गोरा विवाह हो गया,

शुभ घड़ी आ गई फिर ख़ुशी छा गई,

रूप शिव जी का तेरे तो मन भा गया,

किया तप इंस कदर हुआ शिव पे असर,

तेरा भोले से गोरा विवाह हो गया ॥

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मेरा भोला हे भंडारी, जटाधारी अमली (Mera Bhola Hai Bhandari Jatadhari Amali)

मेरा शिव भोला भंडारी,
जटाधारी अमली,

रात भादो की थी, छाई काली घटा(Raat Bhado Ki Thi Chhai Kali Ghata)

रात भादो की थी,
छाई काली घटा,

भीष्म अष्टमी की पूजा विधि

सनातन धर्म में भीष्म अष्टमी का विशेष महत्व माना गया है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को ‘भीष्म अष्टमी’ कहा जाता है।

कुलदेवी की पूजा, जो करता है दिन रात (Kuldevi Ki Puja Jo Karta Hai Din Raat)

कुलदेवी की पूजा,
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