कृपा करे रघुनाथ जी,
म्हने सत देवे सीता माता,
श्री बालाजी महाराज,
म्हारे बल बुद्धि रा दाता ॥
जगत पति रघुनाथ जी,
जग जननी सीता माता,
श्री सालासर महाराज,
म्हारे बल बुद्धि रा दाता,
कृपा करें रघुनाथ जी,
म्हने सत देवे सीता माता,
श्री बालाजी महाराज,
म्हारे बल बुद्धि रा दाता ॥
अन्न दाता रघुनाथ जी,
अन्न पूरण सीता माता,
श्री मेहंदीपुर महाराज,
म्हारे बल बुद्धि रा दाता,
कृपा करें रघुनाथ जी,
म्हने सत देवे सीता माता,
श्री बालाजी महाराज,
म्हारे बल बुद्धि रा दाता ॥
कृपा करे रघुनाथ जी,
म्हने सत देवे सीता माता,
श्री बालाजी महाराज,
म्हारे बल बुद्धि रा दाता ॥
मुंडन संस्कार हिंदू धर्म के सबसे पवित्र संस्कारों में से एक हैं। इसे बच्चे के जन्म के एक निश्चित समय बाद पूरा किया जाना होता है। यह संस्कार बच्चे के जीवन में एक नया चरण शुरू करने का प्रतीक होता है।
गुरु दक्षिणा की परंपरा हिंदू संस्कृति में प्राचीन काल से चली आ रही है। किसी भी व्यक्ति की सफलता में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए, इस पूजा के जरिए हम अपने गुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
नई पुस्तक का विमोचन किसी लेखक के लिए एक बेहद खास अवसर होता है। यह न केवल उसकी विद्या और ज्ञान का प्रतीक होता है, बल्कि उसकी मेहनत और समर्पण की भी पहचान होती है।
हिंदू धर्म के 16 प्रमुख संस्कार है। इन्हीं में से एक संस्कार है अन्नप्राशन संस्कार है। यह संस्कार बच्चे के जीवन में एक महत्वपूर्ण घटना होती है। दरअसल इस संस्कार के दौरान बच्चे को पहली बार ठोस आहार खिलाया जाता है।