माँ अंजनी के लाल,
थोड़ा ध्यान दीजिये,
दे ध्यान दीन दास का,
कल्याण कीजिये,
मां अंजनी के लाल,
थोड़ा ध्यान दीजिये ॥
रहते सदा आप है,
राम नाम में मगन,
कहते लगी है आपको,
श्री राम की लगन,
हमको भी भाव भक्ति का,
वरदान दीजिये,
दे ध्यान दीन दास का,
कल्याण कीजिये,
मां अंजनी के लाल,
थोड़ा ध्यान दीजिये ॥
पैरो में बांध घुँघरू,
करताल हाथ ले,
कीर्तन में आप नाचते,
भक्तो को साथ ले,
हमको एक बार,
अपने साथ लीजिये,
दे ध्यान दीन दास का,
कल्याण कीजिये,
मां अंजनी के लाल,
थोड़ा ध्यान दीजिये ॥
सेवा करूँगा आप का,
गुणगान करूँगा,
मैं आप के आराध्य का भी,
ध्यान धरूंगा,
‘नंदू’ करूँ भजन हमें,
स्वर ताल दीजिये,
दे ध्यान दीन दास का,
कल्याण कीजिये,
मां अंजनी के लाल,
थोड़ा ध्यान दीजिये ॥
माँ अंजनी के लाल,
थोड़ा ध्यान दीजिये,
दे ध्यान दीन दास का,
कल्याण कीजिये,
मां अंजनी के लाल,
थोड़ा ध्यान दीजिये ॥
माघ माह की अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन लोग पूजा-अर्चना और पितरों की पूजा में भाग लेते हैं। मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य प्राप्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
2025 में उदयातिथि के अनुसार, 30 जनवरी 2025 को माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी और 7 फरवरी 2025 को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। ऐसे में माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत 30 जनवरी से होगी।
साल में दो बार गुप्त नवरात्र मनाया जाता है। गुप्त नवरात्र मां दुर्गा को समर्पित पर्व है। इस दौरान लोग 10 महाविद्याओं की उपासना करते हैं। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए व्रत भी किया जाता है।
हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।