जुबां पे राम का नाम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
सीताराम चरित अति पावन,
तुलसी करते गायन,
मर्यादा बिन राम है सूने,
कहती है रामायण,
मन अपना अयोध्या धाम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
मन मंदिर के सिंहासन पे,
सजेगा राम का आसन,
निर्मल मन तेरा हो जाएगा,
राम करेंगे शाशन,
पापों पे पूर्ण विराम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
जब जब होगी घर घर अंदर,
राम चरित की पूजा,
हनुमत की किरपा बरसेगी,
राम राज्य तब होगा,
प्रभु राम पे हमें अभिमान होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
श्री राम चरित मानस अपनाकर,
राम चरित तुम गाओ,
कहता ‘रोमी’ पापी मन में,
राम की ज्योत जगाओ,
सियाराम का हमें गुलाम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
जुबां पे राम का नाम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
हनुमान जयंती का पर्व भगवान हनुमान की शक्ति, भक्ति और सेवा का प्रतीक है। इस दिन देशभर में भव्य पूजा-अर्चना, झांकियों और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
हिंदू धर्म में रामभक्त हनुमान का विशेष स्थान है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए साल में दो बार हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भक्त हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड और वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं।
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड में श्री हनुमान जी की भक्ति, शक्ति, साहस, सेवा और समर्पण की अनुपम कथा का वर्णन किया गया है।
हनुमान जयंती पर देशभर में भक्त बजरंगबली की पूजा-अर्चना में जुटे हैं। इस बार यह पर्व 12 अप्रैल 2025, शनिवार को मनाया जाएगा।