मात भवानी अम्बे माँ (Maat Bhawani Ambe Maa)

मात भवानी अम्बे माँ,

मेरी नैया भवर में है आ,

तू संकट हर ले माँ,

मात भवानी अम्बे रानी ॥


जब भी चला कोई लेके सफीना,

तूफा से वो लड़ता जाए,

नाम तेरा माँ रटते रटते,

भव सागर तर जाए,

जब डूबेगी नैया तू आ जाना मैया,

ये गहरा है सागर का पानी।

मात भवानी अम्बे मां,

मेरी नैया भवर में है आ,

तू संकट हर ले माँ,

मात भवानी अम्बे रानी ॥


आए मुसीबत मुझ पर अगर माँ,

पलभर में वो लौट जाए,

तेरे चरणों में ये सर झुकाऊं,

जीवन सफल हो जाए,

मैं दिल से पुकारू माँ अर्ज गुजारु,

अब पार करो कल्याणी।

मात भवानी अम्बे मां,

मेरी नैया भवर में है आ,

तू संकट हर ले माँ,

मात भवानी अम्बे रानी ॥


है ये तमन्ना ओ अम्बे मैया,

तेरा करम हो जाए,

शीतल हो जाए तन मन दोनों,

पावन ये घर हो जाए,

ये नजरे है प्यासी है विनती जरासी,

मेरे घर भी मैया तू आना।

मात भवानी अम्बे मां,

मेरी नैया भवर में है आ,

तू संकट हर ले माँ,

मात भवानी अम्बे रानी ॥


मात भवानी अम्बे माँ,

मेरी नैया भवर में है आ,

तू संकट हर ले माँ,

मात भवानी अम्बे रानी ॥

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कब है माघ पूर्णिमा व्रत

सनातन हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। जिससे उनका जीवन खुशहाल होता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए व्रत भी किया जाता है।

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे (Agar Nath Dekhoge Avgun Humare)

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

मैं तो बांके की बांकी बन गई (Main Toh Banke Ki Banki Ban Gayi)

मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा,

मंगलवार व्रत कथा

सनातन धर्म में मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि मंगलवार को अगर कोई भी भक्त बजरंगबली की सच्चे मन और विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है तो हनुमान जी अपने भक्त को निराश नहीं करते हैं।

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