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मैं हार गया जग से, अब तुमको पुकारा है (Main Haar Gaya Jag Se Ab Tumko Pukara Hai)

मैं हार गया जग से, अब तुमको पुकारा है (Main Haar Gaya Jag Se Ab Tumko Pukara Hai)

मैं हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


मैं रात अमावस की,

तुम सुख का सवेरा हो,

तेरे बिन सुनता नहीं,

कोई दुःख मेरा हो,

कोई दुःख मेरा हो,

तू सुनता है सबकी,

मुझसे क्यों किनारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


ये कैसा बंधन है,

ये कैसा नाता है,

हर पल तू यादों में,

आता और जाता है,

आता और जाता है,

तेरी सांवरी सूरत को,

अब मन में उतारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


दुनिया की खा ठोकर,

दर तेरे आया हूँ,

सर पर अब हाथ धरो,

मैं बहुत सताया हूँ,

मैं बहुत सताया हूँ,

‘प्रवीण’ का तेरे बिन,

पलभर ना गुज़ारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


मैं हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥

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पौष माह में क्या करें और क्या नहीं

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का 10 वां, महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार इस साल पौष माह 16 दिसंबर से प्रारंभ हो चुकी है।

पौष मास की महिमा एवं महत्व

हिंदू पंचांग में दसवें माह को पौष कहते हैं। इस बार पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई है जो 13 जनवरी तक रहेगी। इस मास में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है।

पौष माह के व्रत त्योहार

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

ये होगा साल का सबसे छोटा दिन

प्रत्येक साल में एक दिन सबसे छोटा होता है। दरअसल, इस दिन सूर्य धरती के दक्षिणी गोलार्ध में अपने चरम बिंदु पर होता है। ज्योतिष के अनुसार साल के सबसे छोटे दिन तक भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर चुके होते हैं।

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