मैं हार गया जग से, अब तुमको पुकारा है (Main Haar Gaya Jag Se Ab Tumko Pukara Hai)

मैं हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


मैं रात अमावस की,

तुम सुख का सवेरा हो,

तेरे बिन सुनता नहीं,

कोई दुःख मेरा हो,

कोई दुःख मेरा हो,

तू सुनता है सबकी,

मुझसे क्यों किनारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


ये कैसा बंधन है,

ये कैसा नाता है,

हर पल तू यादों में,

आता और जाता है,

आता और जाता है,

तेरी सांवरी सूरत को,

अब मन में उतारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


दुनिया की खा ठोकर,

दर तेरे आया हूँ,

सर पर अब हाथ धरो,

मैं बहुत सताया हूँ,

मैं बहुत सताया हूँ,

‘प्रवीण’ का तेरे बिन,

पलभर ना गुज़ारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


मैं हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥

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कभी तो मेरे घर आना, मोरी शारदा भवानी (Kabhi To Mere Ghar Aana Mori Sharda Bhawani)

कभी तो मेरे घर आना,
मोरी शारदा भवानी,

खाटू वाले श्याम प्यारे(Khatu Wale Shyam Pyare)

खाटू वाले श्याम प्यारे,
खूब कियो श्रृंगार,

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है (Hamako Apani Bharat Ki Mati Se Anupam Pyar Hai)

इस धरती पर जन्म लिया था दसरथ नंन्दन राम ने,
इस धरती पर गीता गायी यदुकुल-भूषण श्याम ने ।

पौष पूर्णिमा 2025

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।

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