नवीनतम लेख
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
किशोरी तेरे चरनन में,
श्री राधे तेरे चरनन में ॥
ब्रिज वृन्दावन की महारानी,
मुक्ति भी यहाँ भरती पानी ।
तेरे चन पड़े चारो धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ॥
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
किशोरी तेरे चरनन में,
श्री राधे तेरे चरनन में ॥
करो कृपा की कोर श्री राधे,
दीन जजन की ओर श्री राधे ।
मेरी विनती है आठो याम,
किशोरी तेरे चरनन में ॥
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
किशोरी तेरे चरनन में,
श्री राधे तेरे चरनन में ॥
बांके ठाकुर की ठकुरानी,
वृन्दावन जिन की रजधानी ।
तेरे चरण दबवात श्याम,
किशोरी तेरे चरनन में ॥
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
किशोरी तेरे चरनन में,
श्री राधे तेरे चरनन में ॥
मुझे बनो लो अपनी दासी,
चाहत नित ही महल खवासी ।
मुझे और ना जग से काम,
किशोरी तेरे चरण में ॥
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
किशोरी तेरे चरनन में,
श्री राधे तेरे चरनन में ॥
श्री राधे श्री राधे,
राधे राधे श्री राधे ।
श्री राधे श्री राधे,
राधे राधे श्री राधे ।
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।