मेरे बालाजी सरकार,
के तो रंग निराले,
दया द्रष्टि करते सब पर,
मेहंदीपुर वाले है,
मेरें बालाजी सरकार,
के तो रंग निराले ॥
रूप रंग है लाल लाल है,
कही तू काला काला,
मेहंदीपुर में सजके बैठा,
माँ अंजनी का लाला,
राम नाम की जपते रहते,
हरदम कंठी माला,
दर्शन मात्र से खुल जाता है,
बंद किस्मत का ताला,
लाखो की संख्या में,
आने जाने वाले है,
मेरें बालाजी सरकार,
के तो रंग निराले ॥
बल की कोई नहीं है सीमा,
ऐसे है बलधारी,
भुत प्रेत सब थर थर कांपे,
देख गदा बस भारी,
जिनकी चोखट पे आते,
जाते है सब नर नारी,
संकट मोचन संकट हरते,
जाने दुनिया सारी,
सोने की लंका को स्वयं,
जलाने वाले है,
मेरें बालाजी सरकार,
के तो रंग निराले ॥
बालाजी संग प्रेतराज,
भैरव का दर्शन पाएं,
लड्डू चावल उड़द से,
तीनो देव को भोग लगाएं,
श्रध्दा सुमन चढ़ा के,
अपना मन वांछित फल पाएं,
जिसके चरणों में धर ‘धीरज’,
अपना शीश झुकाएं,
‘अंजलि’ के स्वर में,
सब के सब गाने वाले है,
मेरें बालाजी सरकार,
के तो रंग निराले ॥
मेरे बालाजी सरकार,
के तो रंग निराले,
दया द्रष्टि करते सब पर,
मेहंदीपुर वाले है,
मेरें बालाजी सरकार,
के तो रंग निराले ॥
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में पांचवे स्थान पर आता हैं। केदारनाथ धाम दुनिया का एक मात्र ऐसा धाम है जो बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार का भी हिस्सा है।
भारत में अलग-अलग स्थानों पर 12 ज्योतिर्लिंगों है। इनमें छठा ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 110 किलोमीटर दूर सह्याद्रि पर्वत पर स्थापित है।
पुराणों और शास्त्रों में 12 ज्योतिर्लिंग का बहुत महत्व बताया गया है। इन ज्योतिर्लिंगों से जुड़ी अपनी पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यताएं है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सातवे नंबर पर आने वाला काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग दुनिया भर में काफी प्रसिद्ध है।
हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगो का बहुत महत्व है। कहा जाता है इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में नौवां ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ या बाबा वैद्यनाथ धाम झारखंड के देवघर में है।