प्रथमेश गजानंद नाम तेरो (Prathamesh Gajanan Naam Tero)

प्रथमेश गजानन नाम तेरो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

अमृत रस म्हा पर बरसाओ,

आ जाओ अब ना देर करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


म्हारे आंगण पाँव धरो देवा,

पावन कर दो म्हारी कर्म धरा,

हे सिद्धिविनायक गणनायक,

हे सिद्धिविनायक गणनायक,

इतनी सी अरज स्वीकार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


हे एकदन्त शंकर सुवन,

सगळा का काज सरया थासु,

म्हणे अपनी शरण में रख लीजो,

म्हणे अपनी शरण में रख लीजो,

म्हारो भी थे उद्धार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


भक्ता का पालनहार गजानंद,

शिव अमृत अभिनन्दन है,

हे सुखकर्ता हे विघ्नहर्ता,

हे सुखकर्ता हे विघ्नहर्ता,

हर सुख का नमन स्वीकार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


प्रथमेश गजानन नाम तेरो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

अमृत रस म्हा पर बरसाओ,

आ जाओ अब ना देर करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥

........................................................................................................
बता मेरे यार सुदामा रै (Bata Mere Yaar Sudama Re)

बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।

जल देवता की पूजा कैसे करें?

हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं के एक विशेष स्थान और महत्व है। सभी देवी-देवताओं की पूजा भी विशेष रूप से करने का विधान हैं। वहीं देवी-देवताओं के साथ-साथ पंचतत्व की पूजा-अर्चना भी विशेष रूप की जाती है।

फागुन की रुत फिर से आई, खाटू नगरी चालो (Fagun Ki Rut Phir Se Aayi Khatu Nagri Chalo)

फागुन की रुत फिर से आई,
खाटू नगरी चालो,

बालाजीं मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं (Balaji Meri Bigdi Bana Do Mere Balaji)

बालाजी बालाजी,
मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।