राम आ गए,
धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥
आँखों में प्रेम आंसू,
चरणों को धो रही है,
मारे ख़ुशी के शबरी,
व्याकुल सी हो रही है,
क्या लाऊँ क्या खिलाऊँ,
कुछ भी समझ ना आए,
राम आ गये,
धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥
वन से जो तोड़कर वो,
दोना में बेर लायी,
सकुचा के मन में शबरी,
श्री राम को बढ़ाई,
श्री राम को दिया जब,
तो भी लखन ना खाए,
राम आ गये,
धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥
राम आ गए,
धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥
मेरे राघव जी उतरेंगे पार,
गंगा मैया धीरे बहो,
मेरे राम इतनी किरपा करना,
बीते जीवन तेरे चरणों में ॥
हे उतर रही हे उतर रही
मेरे राम की सवारी हो
मेरे राम मेरे घर आएंगे,
आएंगे प्रभु आएंगे