आओ प्यारे भक्तों,
भोले बाबा को मनाएं हम,
फूलों से सवारी,
महाकाल की सजाए हम,
करता धराशाई पापियों की चाल,
ऐसा न्याय प्रिय है मेरा महाकाल,
उज्जैन भ्रमण को निकले,
मेरे महाकाल,
सवारी महाकाल की आई,
सवारी महाकाल की आईं,
ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥
मल कर तन पर भस्मी,
वो तो पहने मृग की छाल,
मेरे महाकाल मेरे महाकाल,
आदि से आदि है वो,
अनंत महाकाल,
मेरे महाकाल मेरे महाकाल,
डमरू वाला देखो,
करे है कमाल,
सवारी महाकाल की आईं,
सवारी महाकाल की आईं,
ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥
करपूर गौरम करूणावतारम,
संसार सारम भुजगेन्द्र हारम,
सदा वसंतम हृदयारविंदे,
भवम भवानी सहितं नमामि ॥
कालो का भी काल वो तो,
मेरा महाकाल,
मेरे महाकाल मेरे महाकाल,
देखा हमने कई बार,
पापियों हाल,
मेरे महाकाल मेरे महाकाल,
अंग भभुति तिरपुंड लगाए हम,
सवारी महाकाल की आईं,
सवारी महाकाल की आईं,
ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥
आओ प्यारे भक्तों,
भोले बाबा को मनाएं हम,
फूलों से सवारी,
महाकाल की सजाए हम,
करता धराशाई पापियों की चाल,
ऐसा न्याय प्रिय है मेरा महाकाल,
उज्जैन भ्रमण को निकले,
मेरे महाकाल,
सवारी महाकाल की आई,
सवारी महाकाल की आईं,
ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥
हिंदू धर्म में भानु सप्तमी का व्रत विशेष रूप से सूर्यदेव को समर्पित है। यह दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने के लिए विशेष माना जाता है।
हर माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर यदि रविवार होता है, तो उस दिन भानु सप्तमी मनाई जाती है। मार्गशीर्ष मास में ये विशेष संयोग 08 दिसंबर, रविवार को बन रहा है।
भानु सप्तमी एक महत्वपूर्ण तिथि है जो सूर्य देव की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।
मेरी विनती यही है राधा रानी
कृपा बरसाए रखना