तेरे चरणों में सर को,
झुकाता रहूं,
तू बुलाता रहे,
और मैं आता रहूं ॥
मैंने बचपन से,
तुझको ही जाना है,
तेरा मेरा ये,
रिश्ता पुराना है,
तुझे दिल की,
हकीकत सुनाता रहूं,
तू बुलाता रहे,
और मैं आता रहूं ॥
तूने अपना बनाया,
ये एहसान है,
तेरी किरपा से ही,
मेरी पहचान है,
तेरे भक्तो से,
प्रेम बढाता रहूं,
तू बुलाता रहे,
और मैं आता रहूं ॥
‘बिन्नू’ कहता है,
प्रभु धन्यवाद तुझे,
तुम बुलाया करो,
श्याम दर पे मुझे,
यूँ ही तेरे तराने,
मैं गाता रहूं,
तू बुलाता रहे,
और मैं आता रहूं ॥
तेरे चरणों में सर को,
झुकाता रहूं,
तू बुलाता रहे,
और मैं आता रहूं ॥
दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म में सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। पांच दिवसीय इस त्योहार को अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत के प्रतीक के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
धनतेरस पर किसी चीज को खरीदने का खास महत्व होता है। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी जी और कुबेर जी के साथ भगवान धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है।
भगवान श्रीकृष्ण ने सत्यभामा को अपना सारथी बनाया और उनकी सहायता से नरकासुर का वध कर डाला।
धनतेरस पर खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि इस दिन कुछ विशेष चीजें को खरीदने से परहेज रखना चाहिए। सनातन धर्म में हर एक चीज का अपना महत्व है।