हफ्ते का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। ऐसे ही मंगलवार का दिन खासतौर पर भगवान हनुमान जी की पूजा के लिए माना जाता है। बजरंगबली को संकटमोचन, वीरता, शक्ति और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार को सच्चे मन और श्रद्धा से हनुमान जी की पूजा करने से जीवन की कई परेशानियां दूर होती हैं और करियर में तरक्की, व्यापार में लाभ और आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलता है। अगर आप हनुमान जी की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन कुछ खास उपायों को कर सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं मंगलवार के दिन हनुमान जी की कृपा पाने के कुछ सरल और प्रभावशाली उपाय।
मंगलवार को हनुमान जी के साथ-साथ श्रीराम जी और उनके पूरे परिवार की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से विशेष फल मिलता है। मान्यता है कि जहां भी श्रीराम का नाम लिया जाता है, वहां हनुमान जी तुरंत पहुंच जाते हैं। ऐसे में मंगलवार के दिन राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और बिगड़े काम बनते हैं।
हनुमान जी को बूंदी बहुत प्रिय है। मंगलवार के दिन उन्हें बूंदी का प्रसाद चढ़ाना बहुत फलदायी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि लगातार 5 से 6 मंगलवार तक हनुमान जी को बूंदी का भोग लगाया जाए तो धन से जुड़ी समस्याएं दूर होने लगती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, यह उपाय सभी तरह के दोषों को दूर करता है।
यदि आप डर, तनाव, या आत्मविश्वास की कमी जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो ऐसे में मंगलवार के दिन 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र मंगल ग्रह से जुड़ा होता है और इसके जाप से बल, साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। साथ ही, मानसिक शांति भी मिलती है।
मंगलवार के दिन हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने देसी घी का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे न केवल भय और कष्ट दूर होते हैं बल्कि धीरे-धीरे आर्थिक तंगी भी समाप्त हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान चालीसा पढ़ने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
हनुमान जी को लाल रंग बेहद प्रिय माना जाता है। लाल रंग शक्ति का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस दिन लाल वस्त्र पहनें और पूजा में हनुमान जी को लाल फूल, लाल फल चढ़ाएं। इससे जीवन में खुशहाली, सफलता और समृद्धि आती है।
प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित तिथि है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष के प्रदोष व्रत का वर्णन और महत्व धार्मिक ग्रंथों और पंचांग में बताया गया है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। दरअसल, यह व्रत देवाधिदेव महादेव शिव को ही समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।
गुरु प्रदोष व्रत को भगवान शिव की पूजा और विशेष रूप से बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
विवाह एक पवित्र और 16 महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक है, जो दो आत्माओं को जोड़ता है। लेकिन कई बार वैवाहिक जीवन में समस्याएं और बाधाएं आ जाती हैं, जो जीवन को कठिन बना देती हैं। ऐसे में प्रदोष व्रत एक शक्तिशाली तरीका है, जो विवाह की बाधाओं को दूर करने में मदद कर सकता है।