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ज्येष्ठ माह के 10 बड़े त्योहार

ज्येष्ठ माह के 10 बड़े त्योहार

Jyeshtha Month Tyohar: ज्येष्ठ महीने में मनाए जाएगी ये 10 त्योहार, जानिए तिथि और मुहूर्त 


हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास वर्ष का तीसरा महीना होता है, जो धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह मास सूर्य की प्रचंडता और तपस्या के लिए समर्पित होता है। इस मास में कई व्रत-उपवास और पवित्र पर्व मनाए जाते हैं, जो न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रबल करते हैं, बल्कि जीवन में संयम, श्रद्धा और साधना की भावना को भी जगाते हैं। 


वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। इस दिन वट ‘बरगद’ वृक्ष की पूजा कर सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी जाती है। इस वर्ष यह 26 मई, सोमवार को मनाया जाएगा। 


शनि जयंती

शनि जयंती भी ज्येष्ठ अमावस्या को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शनि देव का जन्म हुआ था। इसलिए श्रद्धालु शनि देव की विशेष पूजा करके शनि दोष और साढ़ेसाती जैसी समस्याओं से मुक्ति की कामना करते हैं। शनि जयंती भी सोमवार, 26 मई को मनाया जाएगा। 


गंगा दशहरा 

ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और जप-तप अत्यंत फलदायी माना जाता है। गंगोत्री, हरिद्वार, प्रयागराज जैसे तीर्थस्थलों पर विशाल मेलों का आयोजन भी होता है। इस वर्ष यह 5 जून को मनाया जाएगा। 


निर्जला एकादशी 

निर्जला एकादशी व्रत ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को रखा जाता है और सभी एकादशियों में सबसे पुण्यदायी मानी जाती है। इस दिन बिना जल ग्रहण किए उपवास कर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसे भीमसेन एकादशी भी कहा जाता है। इस वर्ष यह 6 जून को मनाया जाएगा। 


ज्येष्ठ पूर्णिमा 

ज्येष्ठ पूर्णिमा शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह दान, स्नान और व्रत का विशेष दिन होता है। इस दिन विभिन्न स्थानों पर गायत्री जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है। यह 11 जून को मनाया जाएगा। 


मासिक शिवरात्रि

कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन रात्रि में भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है। यह व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस वर्ष यह 25 मई को मनाया जाएगा।


अपरा एकादशी

अपरा एकादशी ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इसे अचला एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस वर्ष यह 23 मई को मनाया जाएगा।


विनायक चतुर्थी

शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा के रूप में यह व्रत प्रत्येक माह रखा जाता है। इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। गणेशजी की आराधना से विघ्नों का नाश होता है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। इस वर्ष ज्येष्ठ मास में यह 13 मई को मनाया जाएगा।


धूमावती जयंती 

शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां धूमावती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। वे दस महाविद्याओं में से एक हैं। यह तांत्रिक उपासकों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष यह 3 जून को मनाया जाएगा।


महाराणा प्रताप जयंती

शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राजा महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाती है। यह दिन देशभक्ति, शौर्य और स्वाभिमान की प्रेरणा देता है। राजस्थान सहित कई राज्यों में यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह गुरुवार 29 मई को मनाया जाएगा।


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कूर्म जयंती की तिथि-मुहूर्त

कूर्म जयंती, भगवान विष्णु के दूसरे अवतार कूर्म ‘कछुए’ के रूप में प्रकट होने की तिथि है। इस साल कूर्म जयंती 12 मई, सोमवार को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वैशाख पूर्णिमा व्रत कथा

वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से समृद्धि, संतान सुख और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

बुद्ध पूर्णिमा 2025

बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म का प्रमुख पर्व है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की तिथि के रूप में मनाया जाता है। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 12 मई, सोमवार को है।

नारद जयंती 2025 तिथि-मुहूर्त

नारद जयंती, देवर्षि नारद के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 13 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह दिन वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जो देवर्षि नारद के जन्म का प्रतीक है।

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