हिंदू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व होता है। यह महीना भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना का काल माना गया है। सावन के प्रत्येक मंगलवार को विवाहित महिलाएं मंगला गौरी व्रत करती हैं, जो अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख-समृद्धि की प्राप्ति हेतु समर्पित होता है। 29 जुलाई को सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत है, जिसे पूरे देश में श्रद्धा और विधिपूर्वक मनाया जा रहा है।
तिसरे मंगला गौरी व्रत के लिए विशेष मुहूर्त पूरे दिनभर शुभ माने गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, व्रत करने वाली महिलाएं प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजा प्रारंभ करें तो श्रेष्ठ फल की प्राप्ति होती है।
परशुराम द्वादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम की पूजा को समर्पित है। परशुराम द्वादशी विशेष रूप से संतान प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।
परशुराम द्वादशी का पर्व भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी को समर्पित है, जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह व्रत विशेष रूप से संतान के प्राप्ति की कामना रखने वाले लोगों के लिए फलदायी होता हैं।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। यह व्रत सभी पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यंत महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए एक विशेष दिन माना जाता है, जो हर महीने दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।