हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व होता है, विशेषकर विवाहित महिलाओं के लिए यह समय अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। इस मास में आने वाले प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस साल 22 जुलाई 2025 को सावन का दूसरा मंगलवार है, जिसे मंगला गौरी व्रत के रूप में मनाया जा रहा है। यह व्रत सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र, अखंड सौभाग्य, और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए करती हैं।
मंगला गौरी व्रत की पूजा विशेष मुहूर्त में करने से व्रती को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इन शुभ मुहूर्तों में से किसी भी समय में पूजा की जा सकती है, लेकिन प्रातःकाल का समय विशेष रूप से शुभ माना गया है।
इन मंत्रों का 108 बार जाप करना से मानसिक शांति के साथ-साथ जीवन में सौभाग्य, सुख और संतुलन का संचार होता है।
सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। बता दें कि साल में कुल 24 एकदशी पड़ती हैं। हर एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं।
पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा या वैकुंठ एकादशी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन पुत्र या संतान प्राप्ति के लिए उपाय करने से सफलता मिलती है। मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सनातन धर्म में बैकुंठ एकादशी का विषेश महत्व है। इस पवित्र दिन पर भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु उपरांत बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है।
धार्मिक मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।