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सावन में कब है मासिक कार्तिगाई

सावन में कब है मासिक कार्तिगाई

Sawan Masik Karthigai: सावन माह में इस दिन मनाई जाएगी कार्तिगाई, जानें शुभ मुहूर्त एवं धार्मिक महत्व

हिंदू पंचांग में मासिक कार्तिगाई एक विशेष पर्व के रूप में मनाई जाती है जो भगवान कार्तिकेय ‘मुरुगन’ को समर्पित होती है। दक्षिण भारत में यह पर्व विशेष रूप से तमिल समुदाय द्वारा बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। भगवान मुरुगन को शक्ति, पराक्रम और विजय का प्रतीक माना जाता है। मासिक कार्तिगाई के दिन घरों और मंदिरों में दीप जलाने की परंपरा है, जो न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करती है, बल्कि नकारात्मकता को भी दूर करती है।

मासिक कार्तिगाई तिथि और शुभ मुहूर्त

सावन महीने में मासिक कार्तिगाई 22 जून, रविवार को मनाई जाएगी। यह दिन अत्यंत विशेष है क्योंकि इसी दिन योगिनी एकादशी भी पड़ रही है, जिससे इसका पुण्य फल और भी अधिक बढ़ जाता है। इस दिन कार्तिकेय उपासना के साथ-साथ एकादशी व्रत भी रखा जा सकता है। यह दिन साधना, दीपदान और आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

मासिक कार्तिगाई का धार्मिक महत्व

मासिक कार्तिगाई पर्व की जड़ें पौराणिक कथाओं से जुड़ी हैं, जिसमें बताया गया है कि भगवान शिव के तेज से उत्पन्न हुए कार्तिकेय का जन्म तीनों लोकों की रक्षा के लिए हुआ था। उन्हें तमिल संस्कृति में 'तमिल कडवुल' यानी तमिल देवता भी कहा जाता है।

माना जाता है कि इस दिन दीप जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और वातावरण में शुद्धता तथा सकारात्मकता का संचार होता है। साथ ही भगवान मुरुगन की कृपा से शत्रु बाधा, रोग और संकटों से मुक्ति मिलती है।

मासिक कार्तिगाई पूजा विधि

  • प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मन को शुद्ध करें।
  • घर के पूजा स्थान को साफ करें और वहां भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • दीपक जलाएं खास कर तिल के तेल का दीपक शुभ माना गया है।
  • भगवान मुरुगन के 108 नामों का जाप करें या ‘ॐ शरवणभवाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
  • भगवान को फल, नारियल, मिठाई, और पंचामृत आदि का भोग अर्पित करें।
  • मुरुगन की आरती करें और परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर भजन कीर्तन करें।
  • रात्रि में घर के मुख्य द्वार और मंदिरों में दीप जलाएं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

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