भगवान कार्तिकेय की पूजा किस विधि से करें?

भगवान कार्तिकेय की पूजा से रोगदोष के साथ-साथ दरिद्रता से मिलेगा छुटकारा, इस विधि से करें पूजा 


हिंदू धर्म में भगवान कार्तिकेय शिव-शक्ति के ज्येष्ठ पुत्र हैं। उन्हें युद्ध और बुद्धि का देवता कहा जाता है। इतना ही नहीं, भगवान कार्तिकेय को शक्ति और पराक्रम का स्वामी के रूप में भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति भगवान कार्तिकेय की पूजा विधिवत रूप से करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है और रोगदोष के साथ-साथ दरिद्रता से छुटकारा मिल सकता है। आपको बता दें, भगवान कार्तिकेय को दक्षिण दिशा का देवता कहा जाता है। इसलिए दक्षिण भारत के निवासी भगवान कार्तिकेय को अपना रक्षक भी मानते हैं। 


भगवान कार्तिकेय का वाहन मयूर है। इसलिए उन्हें मुरुगन भी कहा जाता है। अब ऐसे में अगर आप भगवान कार्तिकेय की पूजा कर रहे हैं, तो किस विधि से करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं और पूजा के दौरान किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में विस्तार से ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी से जानते हैं। 


भगवान कार्तिकेय की पूजा किस विधि से करें? 


भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से पहले विधि से बारे में विस्तार से जान लें। 

स्नान और शुद्धिकरण: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करके वहां भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। 

पूजा सामग्री: पूजा के लिए घी का दीपक, धूप, फूल, फल, नैवेद्य, गंगाजल, चंदन, रोली, अक्षत, कलावा, सूखे मेवे और पान आदि सामग्री का प्रबंध करें।

अभिषेक: भगवान कार्तिकेय का गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करें। 

अर्पण: भगवान कार्तिकेय को फूल, फल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।

भोग: पूजा करने के दौरान भगवान कार्तिकेय को श्रीखंड का भोग जरूर लगाएं। 

मंत्र जाप: भगवान कार्तिकेय का पूजा करने के दौरान मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। 

दीप प्रज्ज्वलन: घी का दीपक जलाकर भगवान कार्तिकेय की आरती करें।

प्रसाद वितरण और दान-पुण्य: पूजा के बाद सभी को प्रसाद बांटें और दिन के अंत में जरूरतमंदों को अन्न या वस्त्र का दान अवश्य करें। 


भगवान कार्तिकेय के मंत्रों का जाप


भगवान कार्तिकेय शिव-पार्वती के पुत्र हैं। उनके मंत्रों का जाप करने से शक्ति, विजय और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त हो सकता है। पूजा के दौरान इनके मंत्रों का जाप अवश्य करें। 

  • कार्तिकेय गायत्री मंत्र का जाप : - ॐ तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात।
  • शत्रु नाश के लिए मंत्र :- देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।
  • सफलता प्राप्ति के लिए मंत्र - ॐ श्री स्कन्दाय नमः
  • ॐ शरवण भवाय नमः
  • ॐ श्री सुब्रमण्यम स्वामीने नमः
  • ॐ श्री स्कन्दाय नमः
  • ॐ श्री षष्ठी वल्ली युक्त कार्तिकेय स्वामीने नमः


जानें भगवान कार्तिकेय की पूजा का महत्व


भगवान कार्तिकेय युद्ध के देवता हैं। उन्हें युवाओं, विद्वानों और सैनिकों का आदर्श माना जाता है। कार्तिकेय की पूजा करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कार्तिकेय को बुद्धि और विवेक का देवता भी माना जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति में बुद्धि और विवेक का विकास होता है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है। भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से व्यक्ति को सभी शत्रुओं से छुटकारा मिल जाता है। कार्तिकेय की कृपा से व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती है। वे अपने सभी कार्यों में सफल होते हैं। भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। साथ ही व्यक्ति को रोगों से भी मुक्ति मिल सकती है। 


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कुंभ संक्रांति शुभ योग

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।

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सुन लो मेरी पुकार ।

सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश

सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। इनके राशि बदलने से मनुष्य समेत प्रकृति पर भी प्रभाव पड़ता है। बीते 14 जनवरी को सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश किया था। जिसके बाद सूर्य उत्तरायण हो गए और शुभ दिन शुरू हुआ।

कुंभ संक्रांति के दिन दान

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