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भगत पुकारे आज मावड़ी(Bhagat Pukare Aaj Mawadi)

भगत पुकारे आज मावड़ी(Bhagat Pukare Aaj Mawadi)

भादी मावस है आई,

भक्ता मिल ज्योत जगाई,

चंग मजीरा बाजे आंगणे,

ओ म्हारे चंग मजीरा बाजे आंगणे ॥


चम चम चमकातो मुखडो,

काना में कुंडल हो,

काना में कुंडल हो,

हिवड़ो हरसायो म्हारो,

भला पधारया हो,

भला पधारया हो,

बिंदिया चमके माथा में,

चुड़लो खनके हाथां में,

अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे,

ओ दादी अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे ॥


गंगा जल झारी थारा,

चरण पखारा हो,

चरण पखारा हो,

उँचे सिंहासन बैठी,

आरती उतारा हो,

आरती उतारा हो,

मेहंदी लगावा थारे,

चुनड़ी ओढावा थाने,

फुलड़ा बरसे छे म्हारे आंगणे,

ओ दादी फुलड़ा बरसे छे म्हारे आंगणे ॥


जो थाने भावे मैया,

भोग लगावा हो,

भोग लगावा हो,

रूच रूच जिमो दादी जी,

परदो लगावा हो,

परदो लगावा हो,

भजन सुनावा थाने,

गाकर रिझावा थाने,

कीर्तन में देखण थाने आंगणे,

ओ दादी कीर्तन में देखण थाने आंगणे ॥


भादी मावस है आई,

भक्ता मिल ज्योत जगाई,

चंग मजीरा बाजे आंगणे,

ओ म्हारे चंग मजीरा बाजे आंगणे ॥

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बिहार केे प्रसिद्ध दुर्गा शक्ति स्थल

दुर्गा पूजा यानी नवरात्र की शुरुआत होने वाली है. ऐसे में लोगों के सिर पर नवरात्र के पावन पर्व का भक्तिमय रंग और पर्व की उमंग दोनों ही परवान चढ़ने लगे हैं। चारों तरह की नवरात्रि में सचमुच शारदीय नवरात्र ही सबसे भव्य और खास नवरात्र होती है।

देवी धूमावती

माता पार्वती का एक रूप और दस महाविद्याओं में से एक मां धूमावती हैं। माता के इस अवतार को लेकर कई कथाएं हैं जो बड़ी विचित्र हैं।

माता मातंगी

भगवान शिव का एक नाम मतंग भी है। शिव की शक्ति से उत्पन्न दस महाविद्याओं में से एक देवी मातंगी का नाम शिव के मतंग नाम से ही पड़ा है।

मां दुर्गा क्यों करती हैं सिंह की सवारी

मां दुर्गा के सभी रूपों के बारे में जब आप भक्त वत्सल पर पढ़ेंगे तो पाएंगे कि मैया के हर रूप में उनके वाहन अलग-अलग हैं। लेकिन फिर भी मूल रूप में मां आदिशक्ति दुर्गा की सवारी शेर ही है।

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