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भोले नाथ का मैं बनजारा (Bholenath Ka Main Banjara)

भोले नाथ का मैं बनजारा (Bholenath Ka Main Banjara)

भोले नाथ का मैं बनजारा,

छोड़ दिया मैंने जग सारा,

पता बता दो नील कंठ का,

पता बता दो नील कंठ का,

मैं जाऊ शिव धाम,

के मुझे कही नहीं जाना,

शिव का मैं हु सवाली,


भटक रहा हूँ जंगल जंगल,

छोड़ दिया है मैंने अनजल,

जब तक भोले नहीं मिलेगे,

करू नहीं आराम,

के मुझे कही नहीं जाना,

शिव का मैं हूँ सवाली,


शिव सेवक हूँ मैं मतवाला,

बाबा मेरा देव निराला,

ढुंडत ढुंडत शिवशंकर को,

ढुंडत ढुंडत शिवशंकर को,

सुबह से हो गई शाम,

के मुझे कही नहीं जाना,

शिव का मैं हूँ सवाली,


यो भी मिला है मुझे हाथ से,

काम करूँगा दोनों हाथ से,

पैरो की उपकार में उसका,

पैरो की उपकार में उसका,

मानूँगा आठो याम ,

के मुझे कही नहीं जाना,

शिव का मैं हूँ सवाली,


भोले नाथ का मैं बनजारा,

छोड़ दिया मैंने जग सारा,

पता बता दो नील कंठ का,

पता बता दो नील कंठ का,

मैं जाऊ शिव धाम,

के मुझे कही नहीं जाना,

शिव का मैं हु सवाली,

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मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है।

मासिक दुर्गाष्टमी उपाय

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है।

हरिहर की पूजा कैसे करें?

सनातन धर्म में हरिहर में हरि से आश्य है भगवान विष्णु और हर यानी कि भगवान शिव। दोनों एक दूसरे के आराध्य हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति का भाग्योदय होता है और जातकों को उत्तम परिणाम मिलते हैं।

वैकुंठ एकादशी पूजा विधि

वैकुंठ एकादशी को सनातन धर्म में बेहद शुभ माना गया है। इसे मुक्कोटी एकादशी, पुत्रदा एकादशी और स्‍वर्ग वथिल एकादशी भी कहते हैं। ऐसी मान्‍यता है कि यह एकादशी व्रत करने से वैकुंठ के द्वार खुलते हैं।

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