गंगा से गंगाजल भरक (Ganga Se Gangajal Bharke)

गंगा से गंगाजल भरके,

काँधे शिव की कावड़ धरके,

भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो,

भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो ॥


सावन महीने का पावन नजारा,

अद्भुत अनोखा है भोले का द्वारा,

सावन की जब जब है बरसे बदरिया,

सावन की जब जब है बरसे बदरिया,

झूमे नाचे और बोले कावड़िया,

भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो,

भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो ॥


रस्ता कठिन है और मुश्किल डगर है,

भोले के भक्तो को ना कोई डर है,

राहों में जितने भी हो कांटे कंकर,

राहों में जितने भी हो कांटे कंकर,

हर एक कंकर में दीखते है शंकर,

भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो,

भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो ॥


कावड़ तपस्या है भोले प्रभु की,

ग्रंथो ने महिमा बताई कावड़ की,

होंठो पे सुमिरन हो पेरो में छाले,

होंठो पे सुमिरन हो पेरो में छाले,

‘रोमी’ तपस्या हम फिर भी कर डाले,

भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो,

भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो ॥


गंगा से गंगाजल भरके,

काँधे शिव की कावड़ धरके,

भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो,

भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो ॥

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मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन - भजन (Main Nahi Mera Nahi Ye Tan)

मैं कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो,

हाथी घोडा पालकी जय कन्हैया लाल की (Haathi Ghoda Pal Ki Jai Kanhaiya Lal Ki)

हाथी घोड़ा पालकी,जय कन्हैया लाल की ॥
आनंद उमंग भयो जय कन्हैया लाल की,

बोल बम बम प्यारे बोल बम बम (Bol Bam Bam Pyare Bol Bam Bam)

बम बम बम बम बम बम बम बम,
जिंदगी में कुछ भी रहेगा नही गम,

आओ आओ गजानन आओ (Aao Aao Gajanan Aao )

आओ आओ गजानन आओ,
आके भक्तों का मान बढ़ाओ ॥

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