हार गया हूँ जग से बाबा (Haar Gaya Hoon Jag Se Baba)

हार गया हूँ जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम,

लायक नहीं हूँ दर के तेरे,

लायक नहीं हूँ दर के तेरे,

लायक मुझको बना लो तुम,

हार गया हूं जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम ॥


पापी हूँ या कपटी हूँ मैं,

जैसा भी हूँ तेरा हूँ,

अपनों ने ठुकराया मुझको,

मैं बिलकुल अकेला हूँ,

सर पे रख दो हाथ मेरे अब,

अपनी शरण में बुला लो तुम,

हार गया हूं जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम ॥


दीनों के तुम दाता हो फिर,

क्यों झोली मेरी खाली है,

सब भक्तों की बिगड़ी बनाई,

अब बाबा मेरी बारी है,

लीले चढ़ के जल्दी आओ,

आकर लाज बचाओ तुम,

हार गया हूं जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम ॥


तेरे सिवा ना कोई मेरा,

किसको हाल सुनाऊँ मैं,

‘अर्चू’ पे क्या बीत रही है,

कैसे तुझसे छुपाऊं मैं,

बिच भंवर में अटकी नैया,

आकर पार लगा दो तुम,

हार गया हूं जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम ॥


हार गया हूँ जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम,

लायक नहीं हूँ दर के तेरे,

लायक नहीं हूँ दर के तेरे,

लायक मुझको बना लो तुम,

हार गया हूं जग से बाबा,

मुझको गले लगा लो तुम ॥


........................................................................................................
दिल में श्री राम बसे हैं, संग माता जानकी(Dil Mein Shree Ram Base Hai Sang Mata Janki)

दिल में श्री राम बसे हैं,
संग माता जानकी,

श्री तुलसी चालीसा (Shri Tulsi Chalisa)

श्री तुलसी महारानी, करूं विनय सिरनाय ।
जो मम हो संकट विकट, दीजै मात नशाय ।।

आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां (Aalha Ki Dhwaja Nahin Aayi Ho Maa)

तीन ध्वजा तीनों लोक से आईं
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने