हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥
बाघम्बर तेरे अंग पर सोहे,
हाथ में तिरशूल भारी,
भूत पिशाच नृत्य करे संग में,
नाचे दे दे ताली,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥
डम डम डमरू बजाए,
नंदी की सवारी,
विष को पीकर क्षण में शिव ने,
देवो की विपदा टारि,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥
उमा रमण शम्भू त्रिपुरारी,
भव भय भंजनहारी,
इस विरले दानी की महिमा,
गावे सब नर नारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥
‘दामोदर’ की विनती यही है,
काटो विपदा हमारी,
कष्ट मिटा जग के तुम कर दो,
घर घर में खुशयारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥
हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस तिथि पर पुष्य नक्षत्र और शोभन योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कर्क राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस तिथि पर आश्लेषा नक्षत्र और अतिगण्ड योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कर्क राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस तिथि पर मघा नक्षत्र और सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा सिंह राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
होली तिथि 2025: होली खुशियों, उल्लास, रंगों और उत्साह का त्योहार है जिसका हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है। लोग अपने सारे गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे पर रंग और गुलाल लगाकर प्यार के रंग में सराबोर हो जाते हैं। होली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।