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हे शिव शंकर भोले बाबा, मैं तेरे गुण गाऊं(Hey Shiv Shankar Bhole Baba, Main Tere Gun Gaoon)

हे शिव शंकर भोले बाबा, मैं तेरे गुण गाऊं(Hey Shiv Shankar Bhole Baba, Main Tere Gun Gaoon)

हे शिव शंकर भोले बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

सगरे जनम बिताऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं ॥


सोऽहं कहके मैं जन्मी थी,

तूने शिवम बताया,

धन्य भया ये जीवन मेरा,

सारा भरम मिटाया,

किरपा कर तू कर दे मुझपे,

किरपा कर तू कर दे मुझपे,

भव सागर तर जाऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं ॥


द्वंद्व द्वेष सब मिट गए मेरे,

द्वार पे आके तेरे,

जन्म जन्म की धुंध छटी है,

पाप कटे है मेरे,

कुछ ऐसा कर दे हे भोले,

कुछ ऐसा कर दे हे भोले,

परम शांति मैं पाऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं ॥


सदा मांगती रही मैं तुझसे,

ऋणी रही मैं तेरी,

दयानिधि कल्याण करो अब,

सुन लो विनती मेरी,

मेरे सर पे ऋण है तेरा,

मेरे सर पे ऋण है तेरा,

कैसे उसे चुकाऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं ॥


हे शिव शंकर भोले बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

सगरे जनम बिताऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं ॥

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जानें अखाड़ों के बारे में सबकुछ ?

कुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक समागम है। इसमें लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं। मेले का मुख्य आकर्षण साधु संतों के अखाड़े होते है। जिनकी दिव्यता को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

8वीं सदी में बनाए थे 13 अखाड़े

प्रयागराज में कुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। अखाड़ों का आना भी शुरू हो गया है। महर्षि आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में इनकी स्थापना की थी। यह कुंभ मेले की शान होते है।

जानें आनंद अखाड़े के बारे में सबकुछ

शैव संप्रदाय के 7 प्रमुख अखाड़े हैं। इनमें से ही एक अखाड़ा है 'आनंद अखाड़ा'। इसका पूरा नाम 'श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती’ है।

जानें आवाहन अखाड़े के बारे में सबकुछ

महाकुंभ की शुरुआत में अब 1 महीने का समय बचा है। लगभग सभी अखाड़े प्रयागराज भी पहुंच चुके हैं। लेकिन इन दिनों शैव संप्रदाय का एक अखाड़ा चर्चा में बना हुआ है।

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