जागो पहाड़ावाली तेरा,
जागण वेला होया,
जागो गौरा माई तेरा,
जागण वेला होया ॥
जागण चिड़िया,
जागे माई ज्वाल्पा,
जागे जगमग ज्योत माँ,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
नगरकोट महारानी जागो,
जागो ज्वाला माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
गुण गांवा ललिता जी जागो
जागो झंडेवाली माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती जागो,
जाग रही माँ काली,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो जीण माता असावरा जागो,
जागो जोगमाया माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो मनसा देवी नैना देवी जागो,
जागो कंवलका माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो जगदम्बा जागो जोगणिया,
जागो संतोषी माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो माई शारदा कामख्या जागो,
जागो चामुण्डा माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो विंध्यवासिनी,
कैला मैया जागो,
जागो नारायणी माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो पहाड़ावाली तेरा,
जागण वेला होया,
जागो गौरा माई तेरा,
जागण वेला होया ॥
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पितृपक्ष की शुरूआत 18 सितंबर से हो चुकी है, यो पर्व 2 अक्टूबर तक जारी रहेंगे। इस दौरान लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण आदि करते हैं। घर-परिवार में जिन लोगों की मृत्यू हो जाती है, वो पितृ बन जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंसान की मृत्यू के बाद भी उसकी राह आसान नहीं होती है।