जागो वंशीवारे ललना,
जागो मोरे प्यारे ।
जागो वंशीवारे ललना,
जागो मोरे प्यारे ।
रजनी बीती भोर भयो है,
घर घर खुले किवारे ।
गोपी दही मथत सुनियत है,
कंगना के झनकारे ।
जागो वंशीवारे ललना,
जागो मोरे प्यारे ।
जागो वंशीवारे ललना,
जागो मोरे प्यारे ।
उठो लालजी भोर भयो है,
सुर नर ठाढे द्वारे ।
ग्वाल बाल सब करत कुलाहल,
ग्वाल बाल सब करत कुलाहल,
जय जय शब्द उचारे ।
जागो वंशीवारे ललना,
जागो मोरे प्यारे ।
जागो वंशीवारे ललना,
जागो मोरे प्यारे ।
माखन रोटी हाथ में लीजे,
गौवन के रखवारे ।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,
सरन आया को तारे ।
जागो वंशीवारे ललना,
जागो मोरे प्यारे ।
जागो वंशीवारे ललना,
जागो मोरे प्यारे ।
Movie: Meera (1979)
Music Director: Pt. Ravi Shankar
Singers: Vani Jairam
Director: Gulzar
कुंभ मेला भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों में से एक है। यह आयोजन हिंदू धर्म की गहराई और आस्था का प्रतीक है, जिसमें लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं।
सनातन हिंदू धर्म में अग्नि को बेहद ही शुद्ध माना गया है। यही कारण है कि पूजा के अंत में जलती हुई आरती या दीपक की लौ को आराध्य देव के सामने एक विशेष विधि से घुमाया जाता है।
कुंभ मेला भारतीय संस्कृति और आस्था का महापर्व है। जिसका इतिहास 850 वर्ष पुराना है। इसकी शुरुआत आदि शंकराचार्य द्वारा मानी जाती है, लेकिन इसकी कथा समुद्र मंथन की पौराणिक घटना से जुड़ी है।
सनातन धर्म में कुंभ मेला सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में एक माना जाता है। ये प्रयागराज समेत हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है।