खाटू वाले श्याम प्यारे(Khatu Wale Shyam Pyare)

खाटू वाले श्याम प्यारे,

खूब कियो श्रृंगार,

रूप तेरो मन भावे,

मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,

लीले के असवार,

रूप तेरो मन भावे ॥


रंग सुनहरी केसरी बागा,

सुन्दर छवि प्यारी है,

अहिलावती के लाल जगत में,

तेरी शान निराली है,

जो कोई आवे गले लगावे,

देता सबको प्यार,

रूप तेरो मन भावे,

मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,

लीले के असवार,

रूप तेरो मन भावे ॥


जिसने दिल से याद किया प्रभु,

तू उसका ग़मख़ार बना,

हारे को तू देता सहारा,

तू यारो का यार बना,

रूप सलोना भोला मुखड़ा,

सबसे बड़ा दिलदार,

रूप तेरो मन भावे,

मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,

लीले के असवार,

रूप तेरो मन भावे ॥


धन्ना भगत का यार बना तू,

खेत में उसके काम किया,

नरसी भगत की हुंडी तारी,

सेठ सांवलिया नाम लिया,

ओ भगतों के प्यारे तुझको,

‘भोला’ रहा पुकार,

रूप तेरो मन भावे

मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,

लीले के असवार,

रूप तेरो मन भावे ॥


खाटू वाले श्याम प्यारे,

खूब कियो श्रृंगार,

रूप तेरो मन भावे,

मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,

लीले के असवार,

रूप तेरो मन भावे ॥

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हे रोम रोम मे बसने वाले राम(Hey Rom Rom Main Basne Wale Ram)

हे रोम रोम मे बसने वाले राम
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,

सूर्य स्तोत्र

विकर्तनो विवस्वांश्च मार्तण्डो भास्करो रविः।
लोक प्रकाशकः श्री मांल्लोक चक्षुर्मुहेश्वरः ॥ लोकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्ता हर्ता तमिस्रहा।

चले है भोला, सज धज के - भजन (Chale Hai Bhola Saj Dhaj Ke)

भोला तन पे भस्म लगाये,
मन में गौरा को बसाये,

शाबर मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

शाबर मंत्र भगवान शिव की विशेष कृपा का प्रतीक हैं, जो मनुष्य की समस्याओं को सहजता से हल करने के लिए बनाए गए। ये मंत्र संस्कृत के कठिन श्लोकों के विपरीत, क्षेत्रीय भाषाओं और बोली में रचे गए हैं, जिससे हर कोई इन्हें आसानी से पढ़ और उपयोग कर सकता है।

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