जपा कर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है,
राम का नाम प्यारा है,
प्रभु का नाम प्यारा है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
छुआई चरण रज अपनी,
अहिल्या भव से तारी थी,
पति के श्राप से भक्तो,
बनी पत्थर बेचारी थी,
चरण रज उसको दी अपनी,
हाँ कष्टों से उबारा है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
पिता के वचनो को माना,
प्रभु जी गंगा आए थे,
प्रभु के पग पखारे थे,
चरणामृत केवट पाए थे,
बिठाया नाव में अपनी,
हाँ गंगा पार उतारा है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
भगत शबरी की कुटिया में,
प्रभु भाई सहित आए,
बेर झूठे माँ शबरी के,
हाथ से प्रभु जी थे खाए,
माँ शबरी का किया कल्याण,
प्रभु जी बने सहारा है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
राम के नाम का चन्दन,
श्री हनुमत ने लगाया है,
प्रभु जी ह्रदय लगाए थे,
भरत के सम बताया है,
चिर के सीना दिखलाया,
सभी ने दर्श पाया है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
जपा कर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है,
राम का नाम प्यारा है,
प्रभु का नाम प्यारा है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
भगवान शिव के योद्धा अवतार को समर्पित चम्पा षष्ठी हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रुप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
हर साल बैंगन छठ या चंपा षष्ठी का यह व्रत मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इसे बैंगन छठ के नाम से भी जानते हैं। दरअसल, इस पूजा में बैंगन चढ़ाते हैं इसलिए इसे बैंगन छठ कहा जाता है।
मेरा मन पंछी ये बोले,
उड़ वृन्दावन जाऊँ,
सनातन धर्म में इंद्रदेव को देवों के राजा और आकाश, वर्षा, बिजली और युद्ध के देवता के रूप में पूजा जाता है। इंद्रदेव के आशीर्वाद से पृथ्वी पर वर्षा होती है, जो कृषि और जीवन के लिए आवश्यक है।