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जिसने भी माँ की चौखट पे, सर को झुका लिया: भजन (Jisne Bhi Maa Ki Chaukhat Pe Sar Ko Jhuka Liya)

जिसने भी माँ की चौखट पे, सर को झुका लिया: भजन (Jisne Bhi Maa Ki Chaukhat Pe Sar Ko Jhuka Liya)

जिसने भी माँ की चौखट पे,

सर को झुका लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया ॥


कैला करोली वाली माँ,

ममता की खान है,

ममता की खान है,

मैया के दर पे झुक रहा,

सारा जहान है,

सारा जहान है,

जिसने भी झोली फैलाई,

उसने ही पा लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया ॥


नौ निद्ध अष्ट सिद्ध की,

दाता दयाली है,

दाता दयाली है,

ये ही है दुर्गा चामुंडा,

ये ही काली है,

ये ही काली है,

रोता गया जो द्वार पर,

उसको हँसा दिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया ॥


कलयुग में कैला मैया का,

डंका है चारों ओर,

डंका है चारों ओर,

चरणों का बन जा ‘बावरा’,

होगी कृपा की कौर,

होगी कृपा की कौर,

‘चोखानी’ ने भी भजनो से,

माँ को रिझा लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया ॥


जिसने भी माँ की चौखट पे,

सर को झुका लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया ॥

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दिवाली व्रत कथा (Diwali Vrat Katha)

एक समय की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वो जल चढ़ाती थी उस पर पर मां लक्ष्मी का वास था।

दीपावली पूजन के लिए संकल्प मंत्रः (Dipawali Pujan ke liye Sankalp Mantra)

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आज है जगराता माई का, माँ को मना लेना (Aaj Hai Jagrata Mai Ka Maa Ko Mana Lena)

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