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करने वंदन चरणों में बजरंगी, दर पे हम तेरे रोज आएंगे - भजन (Karne Vandan Charno Me Bajrangi)

करने वंदन चरणों में बजरंगी, दर पे हम तेरे रोज आएंगे - भजन (Karne Vandan Charno Me Bajrangi)

करने वंदन चरणों में बजरंगी,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे,

हो दर पे तेरे रोज आएंगे,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥


द्वार पे तेरी अपनी विपदा सुनाएंगे,

द्वार पे तेरी अपनी विपदा सुनाएंगे,

अपने ह्रदय का हम हाल सुनाएंगे,

अपने ह्रदय का हम हाल सुनाएंगे,

करने पूजन चरणों में महावीरा,

मंदिर में तेरे रोज आएंगे,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥



संकट हारी तेरी लीला अपार है,

संकट हारी तेरी लीला अपार है,

दिल में तुम्हारे अपने भक्तो का प्यार है,

दिल में तुम्हारे अपने भक्तो का प्यार है,

करके अर्चन चरणों में मारुतिनंदन,

भक्ति के गीत रोज गाएंगे,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥



श्रद्धा सुमन हम तुमको चढ़ाएंगे,

श्रद्धा सुमन हम तुमको चढ़ाएंगे,

दीपक जलाएंगे आरती दिखाएंगे,

दीपक जलाएंगे आरती दिखाएंगे,

करने पूजन चरणों में अंजनीलल्ला,

हवन में नित प्रीत लाएंगे,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥



करने वंदन चरणों में बजरंगी,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे,

हो दर पे तेरे रोज आएंगे,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥

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रंग पंचमी का महत्व और मुहूर्त

रंग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जिसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।

इस दिन देवता खेलते हैं होली

रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है। यह त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। भक्त वत्सल इस लेख के माध्यम से आपको बता रहे हैं कि कैसे इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने पहली बार होली खेली थी।

रंग पंचमी की कथा

रंग पंचमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और यह पर्व चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी-देवता धरती पर आकर भक्तों के साथ होली खेलते हैं और उनकी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

रंगपंचमी के खास उपाय

रंग पंचमी का पर्व हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी, और देवी-देवता भी होली खेलने के लिए पृथ्वी पर आए थे।

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