करने वंदन चरणों में बजरंगी,
दर पे हम तेरे रोज आएंगे,
हो दर पे तेरे रोज आएंगे,
दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥
द्वार पे तेरी अपनी विपदा सुनाएंगे,
द्वार पे तेरी अपनी विपदा सुनाएंगे,
अपने ह्रदय का हम हाल सुनाएंगे,
अपने ह्रदय का हम हाल सुनाएंगे,
करने पूजन चरणों में महावीरा,
मंदिर में तेरे रोज आएंगे,
दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥
संकट हारी तेरी लीला अपार है,
संकट हारी तेरी लीला अपार है,
दिल में तुम्हारे अपने भक्तो का प्यार है,
दिल में तुम्हारे अपने भक्तो का प्यार है,
करके अर्चन चरणों में मारुतिनंदन,
भक्ति के गीत रोज गाएंगे,
दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥
श्रद्धा सुमन हम तुमको चढ़ाएंगे,
श्रद्धा सुमन हम तुमको चढ़ाएंगे,
दीपक जलाएंगे आरती दिखाएंगे,
दीपक जलाएंगे आरती दिखाएंगे,
करने पूजन चरणों में अंजनीलल्ला,
हवन में नित प्रीत लाएंगे,
दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥
करने वंदन चरणों में बजरंगी,
दर पे हम तेरे रोज आएंगे,
हो दर पे तेरे रोज आएंगे,
दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥
सनातन हिंदू धर्म में कुंभ स्नान को अत्यधिक पवित्र और धार्मिक महत्व प्राप्त है। इस वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है। कुंभ मेला हर 12 साल के अंतराल पर आयोजित किया जाता है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। 48 दिनों तक चलने वाले इस विशाल धार्मिक मेले में लाखों श्रद्धालु और साधु-संत देश-विदेश से आने वाले हैं। इस भीड़ में एक नाम जो खास तौर पर ध्यान खींच रहा है, वह है असम के गंगापुरी महाराज, जिन्हें छोटू बाबा के नाम से भी जाना जाता है।
महाकुंभ के विशाल मेले में, जहां लाखों लोग धर्म और आध्यात्म की तलाश में जुटते हैं, वहां एक अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है। एक पायाहारी मौनी बाबा, जो पिछले 41 साल से मौन धारण किए हुए हैं, छात्रों को सिविल सेवा की मुफ्त कोचिंग दे रहे हैं।
प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। करोड़ों श्रद्धालु और लाखों साधु संत त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए पहुंचने वाले हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका सीधा संबंध देवताओं से जुड़ा हुआ है।