किस विधि वंदन करू तिहारो,
औघड़दानी त्रिपुरारी
बलिहारी - बलिहारी
जय महेश बलिहारी ॥
नयन तीन उपवीत भुजंगा,
शशि ललाट सोहे सिर गंगा
मुंड माल गल बिच विराजत,
महिमा है भारी ।
बलिहारी - बलिहारी
जय महेश बलिहारी ॥ 1 ॥
कर में डमरू त्रिशुल तिहारे,
कटी में हर वाघंबर धारे
उमा सहित हीम शैल विराजत,
शोभा है न्यारी ।
बलिहारी - बलिहारी
जय महेश बलिहारी ॥ 2 ॥
पल में प्रभु तुम प्रलयंकर,
पर प्रभो सदय उभयंकर
ऋषी मुनि भेद न पाये तिहारो,
हम तो है संसारी ।
बलिहारी - बलिहारी
जय महेश बलिहारी ॥ 3 ॥
अगम निगम तब भेद न जाने,
ब्रम्हा विष्णु सदा शिव माने
देवो के ओ महादेव अब,
रक्षा करो हमारी ।
बलिहारी - बलिहारी
जय महेश बलिहारी ॥ 4 ॥
किस विधि वंदन करू तिहारो,
औघड़दानी त्रिपुरारी
बलिहारी - बलिहारी
जय महेश बलिहारी ॥
सगाई का दिन! जिंदगी का वो खास पल जब दो दिल एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और एक नई यात्रा की शुरुआत होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस खास दिन को और भी यादगार बनाने के लिए सही मुहूर्त का चुनाव कितना महत्वपूर्ण है?
नई दुकान खोलना एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमें आपके भविष्य की सफलता और समृद्धि की नींव रखी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, किसी भी नए उद्यम की शुरुआत करने से पहले शुभ मुहूर्त और तिथि का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
एक बच्चे की शिक्षा यात्रा की शुरुआत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होता है जो उसके भविष्य को आकार देता है। यह संस्कार भारतीय परंपरा में विशेष महत्व रखता है, जहां ज्योतिष के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और शुभ योगों का ध्यान रखा जाता है ताकि बच्चे की शिक्षा और जीवन में सफलता के लिए सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
मार्च 2025 में नई नौकरी जॉइन करने की योजना बना रहे हैं? तो यह जानना जरूरी है कि शुभ मुहूर्त में इसे शुरू करना कितना महत्वपूर्ण है। हिंदू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सही तिथि और नक्षत्र में नई जॉब जॉइन करने से करियर में उन्नति, सफलता और आर्थिक स्थिरता मिलती है।